"ग्लूकोमा" आंखों का चोर

gurjeet kaur

ग्लूकोमा को काला मोतिया या आंखों का चोर भी कहा जाता है। इस बीमारी से आंखों की रोशनी जा सकती है। दरअसल, ग्लूकोमा में आंखों की ऑप्टिक नर्व में खराबी आ जाती है। ऑप्टिक नर्व आंखों की रेटिना और दिमाग के बीच कनेक्शन का काम करता है। अगर ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाए तो दिमाग को संकेत नहीं मिलते और दिखना बंद हो जाता है।

क्या है ग्लूकोमा | Zeeshan Mohd -RE

ग्लूकोमा, का प्रमुख कारण आंखों पर पढ़ने वाला प्रेशर है। आँखों पर अत्यधिक दबाव पड़ने से आंखों के अंदर फ्लूड जम जाता है। इसके बाद जब फ्लूड इकठ्ठा होता है तो ये बाहर निकलने लगता है। ये साइकिल चलता रहता है। जब ये साइकिल डिसबैलेंस होता है तो आंखों में समस्या होने लगती है। बढ़ती उम्र के साथ भी यह बीमारी होती है ।

ग्लूकोमा का कारण | Zeeshan Mohd -RE

ग्लूकोमा जैसी बीमारी से बचने के लिए व्यक्ति को आंखों की रेगुलर जाँच करानी चाहिए। डायबटीज और है ब्लड प्रेशर की बीमारी वाले लोगों को भी ग्लूकोमा का खतरा होता है इसलिए थोड़ी दिक्क्त होने पर भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान | Zeeshan Mohd -RE

आँखों की सेहत अच्छी रखने के लिए उचित डाइट का पालन करना चाहिए। खाने में विटामिन और खनिज तत्वों की सही मात्रा होनी चाहिए जिससे आँखों की सेहत अच्छी रहे। अपनी डाइट में पालक, गाजर, पपीता , अखरोट आदि को शामिल करना चाहिए।

कैसे रखें आँखों को स्वस्थ | Zeeshan Mohd -RE

आँखों को स्वस्थ रखने के लिए 20 -20 - 20 रूल को अपनाना चाहिए। 20 मिनट लगातार स्क्रीन देखने के बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट पैदल चलना चाहिए।

20 -20 - 20 रूल | Zeeshan Mohd -RE

लम्बे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने वालों को ब्लू लाइट कम करने वाला चश्मा लगाना चाहिए। इसके अलावा एंटी ग्लेयर चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा रात में मोबाइल , टीवी या कमरे की लाइट बंद करके नहीं देखना चाहिए।

एंटी ग्लेयर चश्मे का इस्तेमाल | Zeeshan Mohd -RE

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