भारतीय जनजातियों में ऐसे भी होते है विवाह

Shreya N

इस तरह के विवाह भील जनजाति में प्रचलित है। इसमें लड़के के साहस और वीरता का परीक्षण होता है। होली उत्सव के दौरान लड़के और लड़कियां घेरा बनाकर एक खंबे के चारों और नृत्य करते हैं। लड़को को खंबे पर रखे गुड़ और नारियल को निकालना होता है। वहीं लड़कियों को उन्हें रोकने का प्रयास करना होता है। जो लड़का इस काम में सफल हो जाता है, वो खेल में शामिल किसी भी लड़की से विवाह कर सकता है। 

विवाह के लिए परीक्षा | Mohmmad Asim - RE

परिवीक्षाधीन विवाह (Probationary Marriage) में लड़का-लड़की शादी से पहले एक-दूसरे को जानने के लिए, लड़की के माता-पिता के घर साथ में रहते हैं। इस दौरान अगर वे एक दूसरे को पसंद नहीं करते, तो लड़का लड़की को मुआवजा देकर चला जाता है। कुकी समुदाय में ऐसी शादी की जाती है।

परख के शादी (Probationary Marriage) | Mohmmad Asim - RE

इस तरह की शादी में लड़का, लड़की के माता-पिता की मर्जी के बिना लड़की का अपहरण कर उससे शादी कर लेता है। इसमें या तो लड़का किसी सार्वजनिक स्थान पर लड़की की मांग में सिंदूर भरता है, या अपने दोस्तों की मदद से लड़की का अपहरण कर लेता है। मुंडा, कोंधा, नागा और भील जनजाति में इस तरह का विवाह होता है।

पकड़ कर विवाह | Mohmmad Asim - RE

भारत की ज्यादातर जनजातियों में इस तरह का विवाह प्रचलित है। इसमें लड़की से विवाह करने के लिए, लड़के का परिवार लड़के के परिवार को मूल्य चुकाता है। इसे वधु मूल्य कहा जाता है। हो, संथाल, गोंड, भील, कुकी आदि जनजातियों में मुख्यतः इस तरह की प्रथा का पालन होता है।

खरीद कर विवाह | Mohmmad Asim - RE

इस तरह के विवाह में लड़का, लड़की का मूल्य पैसों या गहनों से नहीं बल्कि सेवा से चुकाता है। इस प्रथा में लड़का, लड़की के घर में रहकर घरेलू काम करता है व उसके घर वालों की सेवा करता है। गोंड और बैगा जनजातियों में इस तरह के विवाह का चलन है।

सेवा के लिए विवाह | Mohmmad Asim - RE

जनजातियों में वधू मूल्य चुकाने से बचने के लिए विनिमय द्वारा विवाह (Marriage by Exchange) की भी प्रथा है। इस प्रथा में जिस परिवार से बहु लाई जाती है, उस ही परिवार में अपनी बेटी का विवाह कर दिया जाता है। ऐसे लड़की लाने का मूल्य, लड़की देकर चुकाया जाता है।

विनिमय द्वारा विवाह | Mohmmad Asim - RE

इस तरह की शादी लड़की की ज़िद पर होती है। लड़की जिस लड़के से शादी करना चाहती है, उसके घर में जबरदस्ती घुस जाती है। इस दौरान उसे मानसिक और शारीरिक रूप से यातनाएं भी सहनी पड़ सकती है, पर वो हार नहीं मानती। आगे चलकर सामाजिक बंधनों के कारण लड़के का परिवार, लड़की को स्वीकार कर लेता है। उराँव और मुंडा जनजातियों में ऐसे विवाह प्रचलित हैं। 

घुसपैठ द्वारा विवाह | Mohmmad Asim - RE

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