मानसून है अस्‍थमा पेशंट का दुश्मन, इन टिप्‍स के साथ रखें अपना ख्‍याल

Kavita Singh Rathore

वैसे तो हर मौसम में आपको एयर कंडीशनर की साफ सफाई करनी चाहिए। लेकिन बरसात के मौसम में एसी के फिल्‍टर को क्‍लीन करना और जरूरी हो जाता है। साथ ही इन दिनों में एयर कंडीशनर का तापमान 25 डिग्री के आसपास ही रखना चाहिए।

क्‍लीन करें एयर कंडीशन | Zeeshan - RE

कोशिश करें, कि घर के अंदर पौधे ना रखें। क्‍योंकि मानसून में परागण बढ़ जाते हैं, जो अस्‍थमा का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा फुट मैट को घर के अंदर नहीं बल्कि दरवाजे के बाहर रखें।

घर के अंदर न रखें पौधे | Zeeshan - RE

आप मानें या ना मानें, लेकिन बरसात के दिनों में अपने घर की दीवारों को नमी से बचाना जरूरी है। दीवारों में फंसी हुई नमी न केवल घर के लिए बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होती है।

दीवारों को नमी से बचाएं | Zeeshan - RE

अगर आप अस्‍थमा पेशंट हैं, तो आपको अपने बेडिंग पर जरूरत से ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए। हफ्ते में कम से कम एक बार अपनी बेडशीट और पिलो कवर्स को चेंज करें।

बदलते रहें बेडशीट | Zeeshan - RE

मानसून के दौरान एयर प्‍यूरीफायर का इस्‍तेमाल करना अच्‍छा है। यह एलर्जी, पॉलन और हवा में नमी के स्‍तर को कम करने के बहुत काम आता है।

एयर प्यूरीफायर का इस्‍तेमाल | Zeeshan - RE

इस मौसम में डॉक्‍टर्स इम्‍यूनिटी बढ़ाने की सलाह देते हैं। दरअसल, इस मारसैम में उमस बहुत ज्‍यादा होती है। जिस वजह से बैक्‍टीरिया बहुत तेजी से फैलते हैं और वायरल डिजीज हो जाती हैं। इन बीमारियों के कारण इम्‍यूनिटी बहुत तेजी से कम होने लगती है। ऐसे में आप गर्म पानी पीने से लेकर घर में बने फूड आइटम का सेवन कर सकते हैं।

इम्‍यूनिटी बूस्ट | Zeeshaan - RE

मानसून में अस्‍थमा पेशंट को अटैक का खतरा ज्‍यादा रहता है। इसलिए डॉक्‍टर नियमित रूप से दवा लेने की सलाह देते हैं। इससे वे हर समय खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।

रेगुलर दवा लें | Zeeshaan - RE
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