राज एक्सप्रेस। आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुका है। हमें जब भी कोई जानकारी चाहिए होती है तो वह चंद सेकंड में हमारे कंप्यूटर या मोबाइल की स्क्रीन पर आ जाती है। दुनियाभर की महत्वपूर्ण जानकारी को हमारे छोटे से मोबाइल में समेट देने वाला WWW यानि वर्ल्ड वाइड वेब आज 33 साल का हो गया है। 1 अगस्त 1989 को कम्प्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने WWW की शुरुआत की थी, जिसने बाद में इंटरनेट की पूरी दुनिया ही बदल दी। यही कारण है कि हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड वाइड वेब डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड वाइड वेब क्या है?
दरअसल वर्ल्ड वाइड वेब ऑनलाइन पेजेज का एक समूह है। इन पेजेज को हाइपरलिंक्स द्वारा इंटरकनेक्ट किया जाता है। इन इंटरकनेक्ट को वेब पेज कहा जाता है और वेब पेज के समूह को वेबसाइट कहते हैं। वेब पेज को ओपन करने के लिए ब्राउज़र के सर्च बॉक्स में यूआरएल टाइप करना होता है, जिसके बाद उस वेब पेज को एक्सेस करने के लिए हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) का इस्तेमाल किया जाता है। यह काम वर्ल्ड वाइड वेब के जरिए होता है।
कैसे हुआ जन्म?
ब्रिटिश कंप्यूटर साइंटिस्ट टिम बर्नर्स ली (Tim Berners Lee) जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे, तब वह एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। इस दौरान अलग-अलग कंप्यूटर सिस्टम पर डाटा स्टोर होने के कारण उन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों ना सभी सिस्टम आपस में कनेक्ट हो जाए तो डाटा को मैनेज करना आसान हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने हाइपरलिंक के जरिए अलग-अलग वेब पेज को कनेक्ट कर दिया। साल 1990 में उन्होंने WWW के लिए तीन टेक्निक Http, HTML और URL का निर्माण किया।
वर्ल्ड वाइड वेब और इंटरनेट में अंतर :
दरअसल इंटरनेट एक बहुत बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है, जिसके जरिए दुनियाभर के डिवाइस आपस में कनेक्ट होते हैं, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब सर्वर पर मौजूद जानकारी को यूजर तक पहुंचाता है। यानि इंटरनेट बहुत सारे नेटवर्क डिवाइस का समूह है, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब बहुत सारे वेब पेज का समूह है।
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