राज एक्सप्रेस। पूरी दुनिया कोरोना वायरस की दहशत में जी रही है, कोरोना जैसी महामारी का कोई इलाज ना मिलने तक सावधानी बरतना ही सबसे उचित उपाय है इससे निपटने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाते हुए 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा की थी। वहीं, गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 20% आबादी कोरोनो वायरस के कारण लॉकडाउन पर है, लॉकडाउन का आंदोलन विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा सक्रिय रूप से प्रतिबंधित और नियंत्रित किया जा रहा है।
भारत में सबसे बड़ा लॉकडाउन :
वर्तमान में भारत में सबसे बड़ा लॉकडाउन लागू है, जहां 1.3 बिलियन लोगों को 21 दिनों के लिए घर के अंदर रहने का आदेश दिया गया है। यह लॉकडाउन उन लोगों के आकार से अधिक है जो, चीन में महामारी की चरम सीमा पर किये गए थे |
अन्य देशों में लॉक डाउन :
भारत के अलावा अन्य देशों की बात की जाये तो, भारत के अलावा बड़ा लॉकडाउन अमेरिका में हो रहा हैं, जहां लगभग 20 राज्य हैं, इनमे से कई राज्यों में सरकार द्वारा जनता को घर पर रहने के सख्त आदेश दिए गए हैं। इसी के साथ यूरोप में, जहां फ्रांस, स्पेन, यूके, इटली में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।
बता दें कि, यहाँ की कुल आबादी 300 मिलियन से अधिक हैं। इन सभी देशों के अलावा अब लैटिन अमेरिका के देशों ने भी सेना की मदद लेते हुए जनता की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन लागू करना शुरू कर दिया है। बताते चलें कि, वर्तमान में पेरु, अल साल्वाडोर, अर्जेंटीना, वेनेजुएला और कोलंबिया में कुल आबादी के 163 मिलियन लोग लॉकडाउन पर हैं।
सरकारी आदेश के अनुसार :
एक सरकारी आदेश के अनुसार, जॉर्डन में सबसे कठोर लॉकडाउन कानून पारित किया गया, जहां सड़क पर किसी को भी पकड़े जाने पर एक साल तक की सजा हो सकती है। जॉर्डन लॉकडाउन 10 मिलियन आबादी को प्रभावित कर रहा है, वहीं उसके पड़ोसी इज़राइल के 9 मिलिन आबादी लॉकडाउन है। वहीं न्यूज़ीलैंड में भी लगभग 4 मिलियन आबादी लॉकडाउन के चलते अपने-अपने घरों पर ही है |
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