क्या है वीटो पावर ? भारत के पक्ष में रूस ने कितने बार लिया वीटो Social Media
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क्या है वीटो पावर ? रूस ने वीटो से रोका प्रस्ताव, भारत के पक्ष में भी ले है चुका वीटो

यूक्रेन से चल रहे युद्ध के चलते कई देश रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक निंदा प्रस्ताव लेकर पहुंचे हैं, लेकिन रूस ने अपनी वीटो पावर (Veto Power) का इस्तेमाल कर इसे रोक दिया।

Author : Kavita Singh Rathore

रूस-भारत, दुनिया। पिछले कई दिनों से चल रहे रूस और यूक्रेन विवाद के बाद अब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है। इस युद्ध के चलते कई देश रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक निंदा प्रस्ताव लेकर पहुंचे हैं, लेकिन रूस ने अपनी वीटो पावर (Veto Power) का इस्तेमाल कर इसे रोक दिया। जी हां, निंदा प्रस्ताव में रूस को यूक्रेन पर हमला रोकने और सैनिकों को वापस बुलाने को कहा गया, लेकिन रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC के उस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया है।

रूस ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर रोका प्रस्ताव :

दरअसल, यह बात सबको पता थी कि, रूस जरूरत पड़ने पर अपना वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकता है और करेगा और उम्मीद के मुताबिक रूस ने ऐसा ही किया और इस प्रस्ताव को रोक दिया और UNSC में ऐसा ही हुआ। अमेरिका और उसके समर्थक जानते थे कि, यह प्रस्ताव विफल हो जाएगा, लेकिन उन्होंने कहा कि इससे रूस अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-अलग पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में शुक्रवार को इस प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में एक मत रूस का पड़ा। चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात मतदान में भाग नहीं लिया। वैसे बता दें कि, 193 सदस्यीय महासभा में वीटो का प्रावधान नहीं है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि, कब मतदान होगा। अब ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि, आखिर वीटो पावर है क्या और कैसे 5 देश खुद को पाबंदियों से बचा लेते हैं।

क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने का काम सौंपा गया है। UNSC में सदस्य की संख्या 15 होती है और प्रत्येक सदस्य को एक मत का करने का अधिकार होता है। सुरक्षा परिषद का निर्णय और इसका पालन प्रत्येक सदस्य देश द्वारा किया जाता है। जब भी विश्व की शांति को खतरा होता है, UNSC यह निर्धारित करता है कि, सदस्य राज्यों के कार्य में शामिल पक्षों के साथ चर्चा करने के बाद आक्रामकता को कैसे रोका जाएगा। UNSC प्रतिबंध लगाता है देश पर जहां लगता है कि, ये गलत कर रहा है और यहां तक कि, शांति बनाए रखने के लिए बल प्रयोग भी करता है।

क्या है वीटो पावर (Veto Power) ?

बताते चलें, वीटो पावर (Veto Power) का इस्तेमाल ऐसे ही कोई देश नहीं कर सकता है। 5 देश - संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK), चीन (CHINA), फ्रांस (France) और रूस (Russia) को वीटो का अधिकार मिला है। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में इन देशों ने भूमिका निभाई, और यही कारण है कि, इन देशों को संयुक्त राष्ट्र में कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं। ये पांच देश UNSC में स्थायी सदस्य देश हैं, और इनके पास एक विशेष मतदान शक्ति भी है जिसे 'वीटो कहा जाता है। यदि उनमें से किसी एक ने भी UNSC में अलग वोट डाला, तो प्रस्ताव या निर्णय को मंजूरी नहीं दी जाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, फ्रांस और रूस में किसी ने भी UNSC के किसी प्रस्ताव पर विपक्ष में वोट डाला तो वो प्रस्ताव पास नहीं होगा। ये 5 देश स्थायी सदस्य है। इसके अलावा 9 देश और है जो की अस्थायी है जो की बदलते होते रहते हैं। वो भी यूएनएससी के सदास्य होते हैं। लेकिन वो वीटो का इस्तमाल नहीं कर सकते हैं।

रूस ,भारत के पक्ष में बहुत बार ले चुका है वीटो :

  • साल 1946 के बाद से, जब यूएसएसआर ने लेबनान और सीरिया से विदेशी सैनिकों की वापसी के संबंध में एक मसौदा प्रस्ताव पर वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया, तो वीटो वह 294वीं बार इस पावर का इस्तेमाल था।

  • साल 1957 में रूस ने भारत के पक्ष में किया वीटो

  • यूएसएसआर ने पहली बार 1957 में कश्मीर मुद्दे पर भारत के लिए वीटो लिया।

  • साल 1961 में रूस ने भारत के पक्ष में किया वीटो, गोवा हुआ आजाद।

  • साल 1962 में रूस ने भारत के पक्ष में किया वीटो

  • साल 1971 में रूस ने भारत के पक्ष में किया वीटो।

ऐसे ये पता चलता है कि रूस की भारत से कितनी अच्छी दोस्ती है और रूस भारत के लिए हर जगह खड़ा रहा है।

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