us Scientists made vaccine for Corona Kavita Singh Rathore -RE
दुनिया

कोरोना संकट के बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तैयार की वैक्सीन

अनेक देशों के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास करने के बाद अब अमेरिका के यूनिर्वसिटी ऑफ पीट्सबर्ग के वैज्ञानिकों ने थोड़ी राहत दी है। अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना का वैक्सीन तैयार किया गया था।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। चाइना के बुआन से शुरू हुए कोरोना वायरस के संक्रमण ने आज लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस वायरस का संक्रमण अनेक देशों में जंगल की आग की तरह फैल रहा है। इस वायरस का ईलाज न मिलने तक भीड़ से बचना समय-समय पर हाथ धोना और मास्क लगाना ही इसका ईलाज है। हालांकि, अनेक देशों के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास करने के बाद अब अमेरिका के यूनिर्वसिटी ऑफ पीट्सबर्ग के वैज्ञानिकों ने थोड़ी राहत दी है।

वैज्ञानिकों द्वारा दी गई राहत :

अमेरिका के यूनिर्वसिटी ऑफ पीट्सबर्ग के वैज्ञानिकों द्वारा लगातार मेहनत करने के बाद कोरोना का वैक्सीन तैयार किया गया था। वैज्ञानिक इस वैक्सीन की जांच जांच जुटे थे। वहीं, अब इस वैक्सीन ने जानवरों पर असर दिखाया है। जिससे वैज्ञानिकों को शुरुआती कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने बताया कि, यह वैक्सीन चूहे पर प्रयोग की गई थी। इस प्रयोग के रिस्पांस पॉजिटिव मिला है।

वैज्ञानिकों ने बताया :

यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने बताया है कि, "उन्होंने अन्य देशों की तुलना में काफी फुर्ती दिखाते हुए कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है। चूहों पर प्रयोग की गई वैक्सीन द्वारा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन किया है। इस प्रयोग से पता चला कि चूहों ने कोरोना को बेअसर करने हेतु एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया की है। वैज्ञानिक जल्द ही इसका परीक्षण इंसानों पर भी करेंगे।"

बताते चलें, वैज्ञानिक इस परीक्षण के लिए अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन द्वारा नई दवाई को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया में उलझे हुए हैं।

वैक्सीन का नाम :

इस वैक्सीन को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 'पिटकोवैक' नाम दिया है। वहीं, वरिष्ठ वैज्ञानिक एंड्रिया गाम्बोटो द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार वैज्ञानिकों की टीम इस परिक्षण में काफी समय से जुटी हुई है, इसलिए ही उनकी मेहनत सफल हुई। उन्होंने आगे बताया कि, साल 2003 में मिले SARS-CoV और साल 2014 में मिले MERS-CoV वायरस का कोरोना वायरस से काफी गहरा संबंध पाया गया है और इसके अनुभव से काफी सहायता भी मिली है।

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