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वेलिंगटन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नए भारतीय उच्चायोग चांसरी का किया उद्घाटन

वेलिंगटन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नए भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया एवं भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित कर कही यह बातें...

Priyanka Sahu

वेलिंगटन। वेलिंगटन में आज रविवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नए भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन किया एवं नए चांसरी के उद्घाटन के दौरान वहां एकत्रित लोगों को संबोधित किया।

नए भारतीय उच्चायोग चांसरी का उद्घाटन के मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय करना भारत और न्यूजीलैंड के बीच अहम संबंधों को और प्रगाढ़ करने का अधिक विवेकपूर्ण तरीका है। दोनों देशों के बीच संबंधों को नये सिरे से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच संबंध हमारे प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और जेसिंडा अर्डर्न की दूरदर्शिता तथा प्रतिबद्धता से मजबूत होते हैं।

भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी किया संबोधित :

इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित किया और कारोबार, डिजिटल और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, ‘‘हमारे संबंधों को प्रगाढ़ करने का अधिक विवेकपूर्ण तरीका वास्तव में एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय है। हमें अधिक कारोबार करने के रास्ते तलाशने चाहिए, क्योंकि आखिरकार कारोबार किसी भी रिश्ते के लिए अच्छा है। एक बार यदि किसी कारोबारी संबंध के लिए मजबूत नींव पड़ जाती है तो वह रिश्ता वाकई मजबूत और स्थिर रहता है।’’

  • हाल के वर्षों में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेसिंडा अर्डर्न ने कार्यक्रमों के इतर समय-समय पर मुलाकात करते हुए एक रिश्ता बनाया है...जब उच्च स्तर पर नेताओं की मुलाकात होती है तो उससे काफी फर्क पड़ता है।

  • हमारा मानना है कि भारत और न्यूजीलैंड के संबंध को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता है। कई चुनौतियों, कई संभावनाएं हैं जो भारत और न्यूजीलैंड जैसे देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • मुझे यह संदेश देकर काफी खुशी हुई कि भारत कारोबार के लिए तैयार है और ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिसमें आपको अनुभव, क्षमताएं और आपके पास उत्कृष्ट प्रणालियां हैं, जिससे बड़ा फर्क पड़ता है।

  • डिजिटल संपर्क एक अन्य क्षेत्र है जिसमें वृहद सहयोग की संभावनाएं हैं। साथ ही उन्हेांने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच कृषि-कारोबार के क्षेत्र में साझेदारी की भी असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने भारत और न्यूजीलैंड के बीच सीधे हवाई संपर्क पर भी बात की। यहां भारतीय छात्रों को कोविड-19 के दौरान मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा।

  • तो वहीं, हिंद-प्रशांत मुद्दे पर उन्होंने कहा, भारत और न्यूजीलैंड संसाधन संपन्न इस क्षेत्र के दो विपरीत छोर पर खड़े हैं। जब हम भारत और न्यूजीलैंड के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र आता है क्योंकि अगर आप वृहद हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर देखें तो हम दो विपरीत छोर पर खड़े हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे में से प्रत्येक देश के पास इस साझा क्षेत्र में योगदान करने के लिए कुछ न कुछ है और हम निजी रूप से भी इसमें योगदान दे सकते हैं, लेकिन कूटनीति का एक आधार दूसरे लोगों के साथ आपका काम है।

  • हमारे पास क्रिकेट में भी सहयोग का एक अच्छा उदाहरण है। भारत में कोई भी जॉन राइट को कभी नहीं भूलेगा और आईपीएल देखने वाला कोई भी व्यक्ति स्टीफन फ्लेमिंग को कभी नजरअंदाज नहीं करेगा। क्रिकेट में हम हर किसी को शुभकामनाएं देते हैं, बेशक हम अपनी टीम की जीत क्यों न चाहें।

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