हाइलाइट्स
पोंगल बर्तनों और भरतनाट्यम नर्तकों के साथ हुई पोंगल महोत्सव शुरुआत।
त्रिंकोमाली में पोंगल महोत्सव समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे हजारों कलाकार।
पोंगल महोत्सव का इतिहास 1000 साल पुराना।
Pongal Festival Celebration : श्रीलंका। भारत समेत श्रीलंका में पोंगल महोत्सव की शुरुआत हो गई है। श्रीलंका के त्रिंकोमाली में पोंगल महोत्सव समारोह में 1500 कलाकार हिस्सा लेने पहुंचे है। सोमवार 8 जनवरी को आयोजित हुए पोंगल महोत्सव की शुरुआत 1008 पोंगल बर्तनों और 1500 भरतनाट्यम नर्तकों के साथ हुई है। इससे पहले बीते दिन शनिवार को श्रीलंका ने ट्राइकोनमाली में अपना पहला जल्लीकट्टू आयोजित किया, जहां देश के पूर्वी प्रांत के गवर्नर सेंथिल थोंडामन और मलेशिया के संसद सदस्य सरवनन मुरुगन ने कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई। इस जल्लीकट्टू कार्यक्रम मे रेक्ला दौड़, सिलंबम लड़ाई, नाव दौड़, समुद्र तट कबड्डी आदि का भी आयोजन किया जा रहा है।
क्या है पोंगल महोत्सव :
पोंगल महोत्सव तमिल हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह प्रति वर्ष 14-15 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है। पोंगल का तमिल में अर्थ उफान या विप्लव होता है। पारम्परिक रूप से ये सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है जिसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप तथा खेतिहर मवेशियों की आराधना की जाती है। इस त्यौहार का नाम पोंगल इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह पगल कहलाता है।
क्यों कहा जहा है इसे पोंगल महोत्सव :
पोंगल महोत्सव का इतिहास कम से कम 1000 साल पुराना है। पोंगल महोत्सव को भारत के तमिलनाडु समेत अन्य देश श्रीलंका, मलेशिया, मॉरिशस, अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर में रहने वाले तमिल लोगों द्वारा उत्साह से मनाया जाता है। गौरतलब है कि, तमिलनाडु के सभी सरकारी संस्थानों में इस दिन अवकाश रहता है।
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