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Nepal Violence : काठमांडू की सड़कों पर भिड़े पुलिस और राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ता, 6 लोग घायल

Nepal Violence : नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर नेवार स्वायत्त गणराज्य बनाने की मांग को लेकर पुलिस से भिड़े राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ता।

Author : Akash Dewani

हाइलाइट्स :

  • नेपाल की राजधानी काठमांडू की सड़कों पर भड़की हिंसा

  • पुलिस से भिड़े राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ता

  • अलग नेवार स्वायत्त गणराज्य बनाने की मांग को लेकर निकाल रहे थे मार्च

  • पूर्व उप प्रधामंत्री राजेंद्र महतो कर रहे आंदोलन का नेतृत्व

काठमांडू, नेपाल। नेपाल की प्रशासनिक राजधानी सिंघा दरबार के पास आज शाम, राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में दो पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 6 लोग घायल हो गए हैं। राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन, नेवार स्वायत्त गणराज्य बनाने की मांग को लेकर काठमांडू की सड़कों पर मार्च कर रहा था की तभी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। पुलिस मजबूरन कार्यकर्ताओं पर बल का प्रयोग करना पड़ा जिसमे 2 पुलिसकर्मियों सहित 6 लोग घायल हो गए है। इस आंदोलन में पूर्व उप प्रधानमंत्री और मधेशी नेता राजेंद्र महतो भी शामिल है।

बैरिकेड तोड़कर प्रतिबंधित जगह पर घुसे कार्यकर्ता :

मार्च ने तब हिंसक रूप अपना लिया जब कार्यकर्ताओं ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को नीचे गिरा दिया। बैरिकेड गिरने के तुरंत बाद, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस झड़प के दौरान दो पुलिस कर्मियों समेत 6 लोग घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है।पुलिस ने कहा, "चार प्रदर्शनकारियों और दो पुलिस अधिकारियों को चोटें आई हैं। घायल पुलिसकर्मियों में से एक की हालत गंभीर है, जिसका इलाज काठमांडू के एक न्यूरो अस्पताल में किया जा रहा है। हमने हिंसा भड़काने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

पुलिस ने किया वाटर केनन का इस्तेमाल :

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का भी इस्तेमाल किया, जिन्होंने पहले विरोध प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खुले मैदान में सामूहिक सभा आयोजित करने की घोषणा की थी। हालाँकि, भीड़ ने अपना रुख सिंघा दरबार की ओर कर लिया, जिसे पिछले साल से स्थानीय अधिकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया था। राजेंद्र महतो, जो नेपाल के पूर्व उप प्रधान मंत्री भी हैं, ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, उन्हें कोई चोट नहीं आई और झड़प शुरू होते ही उन्हें घटनास्थल से ले जाया गया। महतो ने 26 फरवरी को लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (LSP) छोड़ दी और एक नए अभियान राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन की घोषणा की है।

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