राज एक्सप्रेस। पूरी दुनिया चीन से फैले घातक कोरोना वायरस (Covid-19) की महामारी झेल रहा है, सभी देशों में इस वायरस ने अपने पैर पसार रखे हैं और कोविड-19 के मामले फटाफट तेजी से बढ़ते ही जा रहे, सभी लोग परेशान है। इसी बीच अब एक ओर नए वायरस ने दस्तक देकर आफत बढ़ा दी है।
कांगों में 'इबोला वायरस' की दस्तक :
कोरोना के जारी कहर के बीच अब इबोला ने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है। दरअसल, कांगों में 'इबोला वायरस' ने दस्तक दे दी है, जिसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि, इबोला वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश लाइबेरिया है और इसी देश से एक युवक भारत की राजधानी दिल्ली आया है, जिसे इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर आइसोलेट यानी अलग-थलग रखा गया है और ये पहला मामला है।
इबोला वायरस से 4 की मौत :
वहीं, कांगो के स्वास्थ्य मंत्री इतेनी लोंगोंडो के मुताबिक, पश्चिमी शहर मबंडाका में इबोला वायरस के छह नए मामले सामने आए हैं, इनमें से चार मरीजों की मौत हो गई है। वर्ष 2018 के बाद यह दूसरी बार है, जब कांगो में इबोला वायरस के नए मामले सामने आए हैं।
इबोला के मामले सामने आने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ डॉक्टर टेड्रोस ने कहा, ''इबोला का प्रकोप यह हमें याद दिलाता है कि कोरोना वायरस ही एकमात्र खतरा नहीं है, जिसका दुनिया सामना कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम वहां पर है और मदद कर रही है। WHO लगातार इन चीजों पर नजर बनाए हुए है और स्वास्थ्य को लेकर उठे आपातकालीन मामलों की निगरानी कर रहा है।''
अफ्रीका से फैली ये बीमारी :
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पश्चिमी अफ्रीका से फैली इस बीमारी के कहर की वजह से मार्च से अब तक 5,100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इबोला अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन वाले इलाके की क्षेत्रीय बीमारी है, जो इबोला संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर फैलती है।
इबोला वायरस के लक्षण :
शुरू में अचानक बुखार, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश
इसके बाद उल्टी होना, डायरिया और कुछ मामलों में अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव
अधिक रक्तस्राव से मौत होने का खतरा रहता है।
बताया गया है कि, व्यक्तियों में इबोला वायरस का संक्रमण संक्रमित जानवरों, जैसे चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण आदि के सीधे संपर्क में आने से होता है।
इबोला की रोकथाम में जुटेंगे देश :
कोरोना वायरस के साथ-साथ अब कई देश 'इबोला वायरस' की रोकथाम की तैयारी में जुटेंगे। इसी बीच डॉक्टर नरेंद्र सैनी द्वारा ये बात सामने आई है कि, भारत में इस रोग की रोकथाम की तैयारियों को लेकर सरकार उच्च स्तरीय बैठकें कर रही है। केंद्र सरकार उन सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों की ट्रेनिंग करा रही है, जिनमें अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह और हवाई अड्डे हैं।
सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डो पर यात्रियों की स्क्रीनिंग और कड़ी कर दी गई है, जिनमें भी इबोला जैसे लक्षण मिल रहे हैं, उन्हें अलग करके विस्तृत जांच की जा रही है। भारत में अबतक इबोला का कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है। हम एक साथ करीब 1000 ऐसे यात्रियों की निगरानी कर रहे हैं, जिनमें इबोला जैसे लक्षण मिले।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा
इसके अलावा स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, दिल्ली व मुंबई के चुनिंदा बड़े अस्पतालों में विशेष इबोला वार्ड भी बनाए गए हैं। साथ ही दिल्ली और पुणे की 2 सरकारी लैब्स में इस संदिग्ध इबोला नमूनों का जांच की जा रही है।
जानकारी के लिए ये भी बता दें कि, इस नए वायरस यानी इबोला वायरस के बारे में साल 1976 में पता चल गया था और लगभग 4 दशक बाद पश्चिमी अफ्रीका में इस वायरस के नए मामले वर्ष 2014 में मार्च के माह में सामने आए थे, तब से अब तक ये एक खतरनाक महामारी बन चुकी है।
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