मंदिर के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है।
नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिश्रण में 55 फीसदी सीमेंट की जगह फ्लाई ऐश का उपयोग किया गया है।
अबू धाबी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि मैं एक मंदिर के पुजारी की योग्यता रखता हूं या नहीं यह मुझे नहीं पता लेकिन मुझे इस बात का गर्व है कि मैं 140 करोड़ भारतीयों का पुजारी हूं और वे मेरे आराध्य देव हैं।
पीएम मोदी यहां निर्मित पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बाप्स ने बनाया है। मंदिर के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने मंदिर में कृत्रिम रूप से तैयार की गईं गंगा और यमुना नदियों में जलार्पण भी किया। गौरतलब है कि मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिश्रण में 55 फीसदी सीमेंट की जगह फ्लाई ऐश का उपयोग किया गया है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज संयुक्त अरब अमीरात की धरती ने मानवीय इतिहास का एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। आज अबु धाबी में भव्य और दिव्य मंदिर का लोकार्पण हो रहा है। इस पल के पीछे वर्षों की मेहनत लगी है। इसमें वर्षों पुराना सपना जुड़ा है। इसमें भगवान स्वामी नारायण का आशीर्वाद जुड़ा है। आज प्रमुख स्वामी जी जिस दिव्य लोक में होंगे, उनकी आत्मा जहां होगी, वहां प्रसन्नता का अनुभव कर रही होगी।
उन्होंने कहा कि आज वसंत पंचमी का पवित्र त्योहार भी है। यह मां सरस्वती का पर्व है। मां सरस्वती यानी बुद्धि और विवेक की, मानवीय प्रज्ञा और चेतना की देवी है। ये मानवीय प्रज्ञा ही है, जिसने हमें सहयोग, सामंजस्य, समन्वय और सौहार्द जैसे आदर्शों को जीवन में उतारने की समझ प्रदान की है। मुझे आशा है कि ये मंदिर भी मानवता के लिए बेहतर भविष्य के वसंत का स्वागत करेगा। ये मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक संयुक्त अरब अमीरात बुर्ज खलीफा, फ्यूचर म्यूजियम, शेख जायद मस्जिद और दूसरी उच्च तकनीक वाली इमारतों के लिए जाना जाता था, अब उसकी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय जुड़ गया है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इससे यूएई आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी और लोगों से लोगों का संपर्क भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि मैं पूरे भारत और विश्व भर में रहने वाले करोड़ों भारतवंशियों की ओर से यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को और यूएई सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मैं यूएई के लोगों के प्रति भी उनके सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि अबू धाबी का यह विशाल मंदिर केवल एक उपासना स्थली नहीं है, बल्कि मानवता की सांझी विरासत का प्रतीक है। ये भारत और अरब के लोगों के आपसी प्रेम का भी प्रतीक है। इसमें भारत और यूएई के रिश्तों का एक आध्यात्मिक प्रतिबिंब है।
उन्होंने कहा कि यह समय भारत के अमृतकाल का समय है। यह हमारी आस्था और संस्कृति के लिए भी अमृतकाल का समय है। अभी पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है। रामलला अपने भवन में विराजमान हुए हैं। पूरा भारत और हर भारतीय उस प्रेम भाव में अभी तक डूबा हुआ है। अयोध्या के हमारे उस परम आनंद को आज अबू धाबी में मिली खुशी की लहर ने और बढ़ा दिया है। ये मेरा सौभाग्य है कि मैं पहले अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर और फिर अब अबू धाबी में इस मंदिर के उद्घाटन का साक्षी बना हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परमात्मा ने मुझे जितना समय दिया है, उसका हर एक पल और परमात्मा ने जो शरीर दिया है, उसका कण-कण सिर्फ और सिर्फ मां भारती के लिए है। उन्होंने कहा कि एक मंदिर के पुजारी की योग्यता मुझ में है या नहीं, यह मैं नहीं जानता हूं, लेकिन मैं 140 करोड़ भारतवासियों का पुजारी हूं और 140 करोड़ देशवासी मेरे आराध्य देव हैं। हमें विविधता में बैर नहीं दिखता, हमें विविधता ही विशेषता लगती है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था हमें विश्व कल्याण के इन संकल्पों का हौसला देती है। भारत इस दिशा में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि अबू धाबी के मंदिर की मानवीय प्रेरणा हमारे इन संकल्पों को ऊर्जा देगी, उन्हें साकार करेगी।
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