राज एक्सप्रेस। भारत में दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम बना। इस कानून का देश के कई हिस्सों में पुरजोर विरोध हो रहा है। अब माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने भी इसे बुरा बताया है। अमेरिकी न्यूज़ वेबसाइट 'बज़फीड न्यूज़' के प्रधान संपादक बेन स्मिथ को दिए साक्षात्कार में सत्या नडेला ने कहा कि, 'जो हो रहा है वो दुःखी करने वाला है।'
सत्या के बयान के बाद से ट्विटर पर कोई उनका समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध में है। इस साक्षात्कार का एक अंश बेन स्मिथ ने ट्वीट कर बताया, जिसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने भी एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
माइक्रोसॉफ्ट ने सीईओ सत्या नडेला के बयान को ट्वीट किया, "हर देश अपनी सीमाएं तय करेगा और उसे करना भी चाहिए, राष्ट्रीय सुरक्षा करनी चाहिए और आप्रवासन के नियम भी तय करना चाहिए। लोकतंत्र में यह लोगों और सरकार के बीच बातचीत के माध्यम से तय किया जाता है। मेरी पहचान अपनी भारतीय विरासत, बहुसांस्कृतिक देश में बड़ा होने के साथ अमेरिका में अप्रवासी अनुभव से बनी है। मैं भारत के लिए उम्मीद करता हूं कि, कोई अप्रवासी एक समृद्ध स्टार्ट-अप शुरू करने की आकांक्षा कर सके या किसी मल्टीनेशनल कंपनी का नेतृत्व करे जो कि भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी हो।"
बज़फीड के प्रधान संपादक बेन स्मिथ का पहला ट्वीट, (जिसके बाद उन्होंने साक्षात्कार का पूरा अंश भी ट्वीट कर बताया)-
बेन स्मिथ ने सत्या नडेला से पूछा था कि, आपके जैसी कंपनियों पर सरकार के सम्बन्ध में अत्यधिक दबाव रहता है पर फिर भी मैं जानना चाहूंगा कि भारत में पास हुए नागरिकता संशोधन कानून के बारे में आपके विचार क्या हैं? और जिस तरह से वो सरकार डेटा को लेकर काम कर रही है, क्या आप उनके साथ काम करने को लेकर चिंतित हैं?
इस पर माइक्रोसॉफ्ट सीईओ ने जवाब दिया कि, "मैं भारत में बड़ा हुआ और मुझे अपनी विरासत पर बहुत गर्व है। सांस्कृतिक तौर पर और एक ऐसे शहर में बड़ा हुआ जिसकी मुझे बहुत खुशी भी है, जहां क्रिसमस, दिवाली तीनों त्योहार हमारे लिए बड़े होते थे। मुझे लगता है कि जो हो रहा है वो दुःखद है।"
"मुझे लगता है कि यह बस बुरा है। अगर मैं कुछ भी देखकर खुश होउंगा तो वो यह कि कोई बांग्लादेशी जो भारत में आया हो और वो भारत में अगला यूनिकॉर्न बनाए या फिर इंफोसिस का सीईओ बने, ये महत्वाकांक्षा होनी चाहिए। अगर मुझे कोई समान परिस्थिति बतानी हो तो मैं कहूंगा कि मेरे साथ जैसा अमेरिका में हुआ, मैं उम्मीद करता हूं कि वैसा ही बाहर से आने वाले लोगों के साथ भारत में भी हो।"सत्या नडेला, सीईओ, माइक्रोसॉफ्ट
"मैं यह नहीं कह रहा हूं कि, किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए, सीमाएं हैं और वो सच हैं और लोग उनके बारे में सोचेंगे। मेरा मतलब है कि, आप्रवासन(इमिग्रेशन) इस देश(अमेरिका) में भी एक मुद्दा है, ये यूरोप में भी है और भारत में भी लेकिन इसको किस तरह सुलझाना है, आप्रवासन क्या है, कौन अप्रवासी हैं और अल्पसंख्यक हैं, वो संवेदनशील है।"सत्या नडेला, सीईओ, माइक्रोसॉफ्ट
सत्या नडेला तकनीक जगत से पहले प्रख्यात सीईओ हैं जिन्होंने भारत के नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की है। जब से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, नामी लोगों पर अपना पक्ष रखने का दबाव है। नडेला के बयान के बाद इतिहासकार और लेखक रामचन्द्र गुहा ने उनकी प्रशंसा की। पिछले माह 19 दिसंबर को हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान बैंग्लोर में रामचन्द्र गुहा को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, 'मुझे खुशी है कि सत्या नडेला ने जो कहा वो कहा। मैं उम्मीद करता हूं कि भारत की कंपनिया भी इस तरह हिम्मत दिखाकर कुछ कहतीं या अब कहें।'
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और सर्वोच्च न्यायालय के वकील ब्रिजेश कलप्पा ने भी सत्या नडेला के बयान को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, 'अब माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ भी मोदी सरकार को बता रहे हैं कि सीएए बुरा विचार है।'
वहीं कई लोग सत्या के विरोध में आ गए हैं। सैफाली वैद्य ने लिखा कि, 'सत्या नडेला बताएं कि सीएए क्या है और किसने बांग्लादेशी अप्रवासियों को भारत आने से रोका है?'
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