राज एक्सप्रेस। पकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को बड़ा झटका देते हुए याचिका लौटा दी है, जिसमें मुशर्रफ को राजद्रोह मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। अदालत ने सर्दियों की छुट्टियों के दौरान पूर्ण पीठ उपलब्ध न हो पाने का हवाला देते हुए याचिका लौटाई है।
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह व पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ एक समय में पूरे पाकिस्तान में अपनी हुकूमत चलाते थे उनको राजद्रोह मामले में 17 दिसम्बर, 2019 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। लाहौर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय ने शीतकालीन अवकाश के चलते पूर्ण पीठ की उपलब्धता न होने का हवाला देते हुए याचिका को लौटा दिया है।
लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) के मुख्य न्यायाधीश सरदार मुहम्मद शमीम खान द्वारा हाल ही में गठित तीन न्यायाधीशों वाली पूर्ण पीठ 9 जनवरी, 2020 को मुख्य याचिका देखने वाली है।
दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रद्रोह के मामले को लेकर मौत की सजा का ऐलान किया गया था। लाहौर हाईकोर्ट की विशेष बेंच द्वारा पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने उनके यानी परवेज मुशर्रफ के खिलाफ फैसला सुनाया था। बेंच ने अपने संक्षिप्त आदेश में यह बात भी कहीं है कि, उसने इस मामले में 3 महीने तक तमाम शिकायतों, रिकॉर्ड्स, जिरह और तथ्यों की जांच की और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के मुताबिक मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है, उन पर संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगा है।
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