इतिहास रचने से चूका रूस का लूना-25 Raj Express
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इतिहास रचने से चूका रूस का लूना-25, चांद की सतह पर क्रैश लैंडिंग, जानिए कहां हुई गड़बड़ी?

Priyank Vyas

हाइलाइट्स :

  • रूस का लूना-25 अपने मिशन को पूरा नहीं कर पाया।

  • चांद के दक्षिणी छोर पर लैंड होने से 2 दिन पहले ही वह क्रैश हो गया।

  • सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते वह ठीक ढंग से अपना ऑर्बिट नहीं बदल पाया और चंद्रमा की सतह से टकरा गया।

Luna-25 crash on the Moon : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो का चंद्रयान-3 इतिहास रचने से बस कुछ ही घंटों की दूरी पर खड़ा है। इस समय चंद्रयान-3 के लैंडर की चांद की सतह से न्यूनतम दूरी महज 25 किलोमीटर रह गई है। 23 अगस्त की शाम 6 बजे लैंडर इसी दूरी से चांद की सतह पर लैंड करने की कोशिश करेगा। अगर यह लैंडिंग सफल हो जाती है तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। हालांकि रूस के पास भी यह इतिहास रचने का मौका था। उसके लूना-25 को 21 अगस्त को चांद के दक्षिणी छोर पर लैंड होना था, लेकिन उससे 2 दिन पहले ही वह क्रैश हो गया। तो चलिए जानते हैं कि आखिर रूस का लूना-25 क्यों अपने मिशन को पूरा नहीं कर पाया।

नहीं बदल पाया ऑर्बिट

रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के अनुसार उसका शनिवार दोपहर करीब तीन बजे ही लूना-25 से सम्पर्क टूट गया था। इसके बाद से ही उसकी सफल लैंडिंग को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही थी। इसके कुछ ही घंटों बाद पता चला कि वह चांद की सतह पर क्रैश हो गया है। प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते वह ठीक ढंग से अपना ऑर्बिट नहीं बदल पाया और चंद्रमा की सतह से टकरा गया।

कहां हुआ गड़बड़ी?

रोस्कोस्मोस के अनुसार लूना-25 को प्री-लैंडिंग कक्षा में प्रवेश करने के लिए कमांड दिया गया था। लेकिन कैलकुलेशन से जो पैरामीटर सेट किए गए थे, उन पैरामीटरों से स्पेसक्राफ्ट डेविएट हो गया। इसका कारण यह है कि कैलकुलेटेड वैल्यू जरूरत से ज्यादा थी। इससे थ्रस्टर ज्यादा देर फायर हुए और इसके चलते लूना-25 ढंग से ऑर्बिट नहीं बदल सका। वह ऑफ-डिजाइन ऑर्बिट में चला गया और चांद की सतह से टकरा गया।

खत्म हुआ अस्तित्व

रोस्कोस्मोस ने संपर्क टूटने के बाद लूना-25 से वापस सम्पर्क स्थापित करने की कई कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुई। 19 और 20 अगस्त को किए गए सभी प्रयास फेल हो गए। स्पेस एजेंसी की माने तो इस टक्कर के चलते लूना-25 का अस्तित्व अब चांद की सतह पर खत्म हो गया है। हालांकि यह क्रैश क्यों हुआ, इसकी विस्तृत जांच के लिए एक स्पेशल जांच आयोग का गठन किया गया है। वह इस पूरे मामले की जांच करेगा।

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