International Firefighters Day : हम देखते हैं कि जब भी कहीं आग लगती है तो वहां सबसे पहले फायर फाइटर्स को बुलाया जाता है। फायर फाइटर अपने कौशल से जल्द ही उस आग पर काबू पा लेते हैं और कई लोगों की जान बचाते हैं। कई बार लोगों की जान बचाने के लिए यह फायर फाइटर अपनी जान भी दांव पर लगा देते हैं। ऐसे में हम भले ही फायर फाइटर को जानते ना हो, लेकिन मुसीबत के समय में यह हमारी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यही कारण है कि फायर फाइटर के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 4 मई को दुनिया में International Firefighters Day यानि अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है।
दरअसल एक बार ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित लिंटन की झाड़ियों में आग लग गई। ऐसे में आग पर काबू पाने के लिए फायर फाइटर को बुलाया गया। फायर फाइटर आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान वहां अचानक ही विपरीत दिशा में हवा चलने लगी। इससे पांच फायर फाइटर की आग में झुलसने से मौत हो गई। उन फायर फाइटर के सम्मान में ही फायर फाइटर दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी। साल 1999 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय फायर फाइटर दिवस मनाया गया था।
दरअसल इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। एक संत और फायर फाइटर रहे फ्लोरिन की मृत्यु 4 मई को ही हुई थी। मान्यता है कि एक बार उन्होंने महज एक बाल्टी पानी से ही गांव में लगी आग पर काबू पा लिया था। ऐसे में यूरोप में उनकी मृत्यु के दिन फायर फाइटर दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।
आमतौर पर लोगों को लगता है कि फायर फाइटर सिर्फ आग बुझाने का काम करते हैं, हालांकि यह सच नहीं है। आग बुझाने के अलावा फायर फाइटर कई और तरह के कामों को भी अंजाम देते हैं। जैसे किसी घटना या एक्सीडेंट के दौरान रेस्क्यू करना, जानवरों की जान बचाना, पुलिस की मदद करना, छोटे क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन करना, विस्फोटकों को डिफ्यूज करना आदि।
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