राज एक्सप्रेस। किसी भी लोकतांत्रिक देश का राष्ट्रपति उस देश का सर्वोच्च व्यक्ति होता है। राष्ट्रपति होने के नाते उसे कई तरीके के अधिकार भी मिले होते हैं। भारत में तो राष्ट्रपति पद पर बैठे हुए व्यक्ति के खिलाफ किसी तरफ का मुकदमा भी नहीं चलाया जा सकता है। लेकिन दुनिया के एक देश की एयरलाइन कंपनी ऐसी भी है, जिसने अपने ही देश के राष्ट्रपति के उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है?
दरअसल जिस एयरलाइन ने अपने ही देश के राष्ट्रपति के उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाया है, उसका नाम जॉर्जियाई एयरवेज है। यह जॉर्जिया की राष्ट्रीय एयरलाइन है। एयरलाइन कंपनी ने अपने ही देश की राष्ट्रपति सैलोम जौराबिचविली पर यह प्रतिबंध लगाया है। यही नहीं जॉर्जियाई एयरवेज के संस्थापक तमाज गयशविली ने बयान जारी करके कहा है कि, ‘जब तक राष्ट्रपति जौराबिचविली माफी नहीं मांग लेती, तब तक उन पर प्रतिबंध जारी रहेगा।‘
दरअसल बीते दिनों रूस ने घोषणा की थी कि वह जॉर्जिया के साथ सीधी उड़ानों पर लगे चार साल पुराने प्रतिबंधों को हटा रहा है। साथ ही रूस ने जॉर्जियाई लोगों के लिए वीजा की जरूरत को भी खत्म कर दिया। लेकिन जॉर्जिया की राष्ट्रपति सैलोम जौराबिचविली को यह बात पसंद नहीं आई। उन्होंने जॉर्जियाई अधिकारियों से रूस के ऑफर को ना मानने के लिए कहा। यही नहीं उन्होंने रूस के लिए विमान सेवा शुरू होने पर एयरलाइन का बहिष्कार करने की बात भी कही। इसका कारण यह है कि जौराबिचविली रूस के साथ संबंध सामान्य करने के पक्ष में नहीं है।
हालांकि राष्ट्रपति सैलोम जौराबिचविली की अपील का कोई असर नहीं हुआ। रूस और जॉर्जिया के बीच सीधी उड़ान शुरू हो चुकी है। यही नहीं जॉर्जियाई एयरवेज ने राष्ट्रपति पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि जब तक वह लोगों से माफ़ी नहीं मांग लेतीं, तब तक उन पर प्रतिबंध जारी रहेगा। गौरतलब है कि रूस के साथ संबंधों को लेकर राष्ट्रपति और जॉर्जियाई सरकार के बीच गहरे मतभेद है।
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