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फ्रांस ने यूके से दूरी बनाते हुए लगाई इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक

फ्रांस देश ने कोरोना वायरस के चलते ही यूके (ब्रिटेन) से दूरी बनाते हुए यूके की इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है।

Author : Kavita Singh Rathore

फ्रांस-ब्रिटेन। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से तबाही जारी है। क्योंकि, पिछले कुछ समय में कोरोना के लाखों के मामले लगातार सामने आये हैं। देश के हालात पिछले साल की तुलना में बहुत ज्यादा ख़राब हो चुके हैं। कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश में चारों तरफ छाए ऐसे माहौल के चलते पिछले कुछ समय में कई देशों ने भारत से दूसरी बनाते हुए भारत की इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। इन्ही देशों में फ्रांस भी शामिल है। वहीं, अब फ्रांस देश ने कोरोना वायरस के चलते ही यूके (ब्रिटेन) से दूरी बनाते हुए यूके की इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है।

फ्रांस ने लगाई यूके की फ्लाइट्स पर रोक :

दरअसल, पिछले कुछ समय में यूके से कोरोना के मामलों का आंकड़ा बड़ी संख्या में सामने आरहा है। जिसको मद्देनजर रखते हुए फ्रांस ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए फ्रांस से यूनाइटेड किंगडम (UK) आने जाने वाली सभी फ्लाइट्स को रद्द करने का फैसला किया है। फ्रांस ने इस बारे में जानकारी घोषणा कर दी है।

क्यों लगाया प्रतिबंध :

ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर फ्रांस ने ब्रिटेन से यात्रा पर सख्त कोविड-19 प्रतिबंधों को फिर से लागू करने को कहा है। ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए 31 मई से सख्ती बढ़ा दी गई है। फ्रांस में ब्रिटेन से आने वालों के लिए छह दिन का आइसोलेशन और कोविड निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। इसके अलावा ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को अपनी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा और ध्यान रहे यह रिपोर्ट 48 घंटे पहले की न हो। इसके अलावा आने वाले हर एक व्यक्ति को एक हफ्ते तक आइसोलेशन में रहना पड़ेगा। भले उस व्यक्ति को वैक्सीन लग चुकी हो या नहीं।

फ्रांस के विदेश मंत्रालय का कहना :

इस मामले में फ्रांस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि 'ब्रिटेन से आने वाले गैर फ्रांसीसी लोगों के लिए सख्त कोविड-19 नियमों को फिर से लागू किया जा रहा है, जो कोविड के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है, विशेष रूप से जो भारतीय कोरोना स्ट्रेन से संक्रमित हो रहे हैं। ब्रिटेन के लोगों और अन्य गैर-यूरोपीय संघ के लोगों के आने से पहले फिर से साबित करना होगा कि उनके पास फ्रांस में प्रवेश करने के लिए 'ठोस कारण' हैं। फ्रांस ने मार्च में ब्रिटेन के साथ-साथ कई अन्य गैर-यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के लिए आवश्यकता पड़ने पर यात्रा नियमों में ढील दी थी। गैर-यूरोपीय संघ के विदेशियों जो फ्रांस के निवासी नहीं हैं और जो ब्रिटेन से फ्रांस आते हैं उन्हें सोमवार (31 मई) से ब्रिटेन में प्रवेश करने के लिए 'ठोस कारणों' की आवश्यकता होगी। ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को एक हफ्ते तक आइसोलेट होना पड़ेगा। हालांकि इस आदेश से उन्हें राहत होगी जो फ्रांस के निवासी हैं और ब्रिटेन से आ रहे हों।'

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