यूरोपीय संघ रूस से तेल के आयात पर लगाएगा प्रतिबंध Social Media
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यूरोपीय संघ रूस से तेल के आयात पर लगाएगा प्रतिबंध

यूक्रेन पर रूसी सैन्य अभियान के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप यूरोपीय संघ रूस से तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

News Agency

ब्रसेल्स। यूक्रेन पर रूसी सैन्य अभियान के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप पश्चिमी देशों ने रूस को अलग-थलग कर दिया है और अब चीन के साथ रूस के उभरते व्यापारिक संबंध को देखते हुए यूरोपीय संघ भी रूस से तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत से संबंधित दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियों से अपील करते हुए कहा कि विश्व को रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में तेजी लानी चाहिए ताकि अपने मुकाम को हासिल करने के लिए वह दूसरे देशों पर अपने सैन्य बल का उपयोग इस क्रूरता से न कर सके। इसके साथ ही उन्होंने 27 ऐसे देशों की भी आलोचना की है, जिन्होंने रूस से तेल के आयात पर रोक नहीं लगायी है। दरअसल, यूरोपीय संघ में शामिल 27 सदस्यीय देश अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से ईंधन के आयात पर अत्यधिक निर्भर हैं।

हंगरी भी उन 27 देशों में से एक है, जहां की अर्थव्यवस्था रूस से आयातित ईंधन पर अधिक निर्भर हैं। ऐसे में रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की नीति के यह खिलाफ है। जबकि संघ द्वारा इन्हें साल 2023 तक इस नीति को अपनाए जाने का दबाव है। यूरोपीय संघ की तरफ से मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों को दो अरब यूरो तक की पेशकश की गई है, जो रूस से ईंधन की आपूर्ति में कमी का सामना कर रहे हैं।

इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि क्रेमलिन चीन के साथ बेहतर राजनीतिक और आर्थिक संबंध बनाने की कोशिश करेगा, क्योंकि अमेरिका एवं यूरोप के साथ अब रिश्ते बेहतर नहीं रहे हैं।

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