राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में प्रोटीन के लिए अंडे को सबसे उपयुक्त खाद्य पदार्थ के तौर पर उपयोग किया जाता है। लेकिन बीते कुछ समय से लोगों को मिलने वाले इस प्रोटीन में कमी देखने को मिल रही है। दरअसल ऐसा अंडों की शॉर्ट सप्लाई के कारण हो रहा है। हाल ही में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर में लोगों को अंडों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। भारत की बात करें तो महाराष्ट्र में अंडों की खपत लगभग 2.25 करोड़ है। लेकिन शीत लहर के कारण अंडों की सप्लाई में एकदम से कमी आ गई है। जिसका असर अंडों की बढ़ती कीमतों पर भी पड़ रहा है। तो चलिए जानते हैं अंडों का भाव और इसमें आई तेजी का कारण।
25 से 35 फीसदी हुई बढ़ोतरी :
बीते 3 से 4 महीनों के दौरान अंडों की कीमतों में तकरीबन 25 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि एक हफ्ते में थोक भाव में रिकॉर्ड स्तर से कुछ कमी भी आई है। लेकिन बाजार को देखते हुए फुटकर विक्रेता भी कीमतों को कम करने के लिए नहीं मान रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है इसकी कीमतें?
बताया जा रहा है कि के तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव अंडों की कमी के रूप में देखने को मिला है। तो वहीं दूसरी तरफ खाद्य मुद्रास्फीति की बढ़ती मांग भी इसके लिए जिम्मेदार है। दुनियाभर में कीमतों में वृध्दि के चलते ज्यादातर कंपनियां निर्यात पर ध्यान देने में लगी हुई हैं।
बढ़ रही अंडों के निर्यात की मांग :
इसके बाद भारत से भी अंडों के निर्यात की मांग में बढ़ोतरी आई है। बता दें कि इस महीने 5 करोड़ अंडों का निर्यात होने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल दुनियाभर के कई बड़ी जगहों जैसे मलेशिया, ओमान, कतर, जापान, न्यूजीलैंड आदि में भारतीय अंडों की मांग बढ़ गई है। भारतीय अंडों की मांग बढ़ने की एक वजह चीन में लॉकडाउन की समस्या, जबकि अमेरिका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में बर्ड फ्लू का डर भी बनी हुई है।
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