राज एक्सप्रेस। बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय यानि आईसीसी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया। आईसीसी ने यह वारंट युद्ध के दौरान गैरकानूनी रूप से बच्चों को यूक्रेन से रूस पहुंचाने के आरोप में जारी किया है। इस वारंट में व्लादिमीर पुतिन के अलावा रूस की बाल अधिकार कमिश्नर मारिया लवोवा बेलावा का भी नाम शामिल है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने वाली अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय क्या है और इसके अरेस्ट वारंट जारी करने से क्या सचमुच पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है। चलिए जानते हैं।
आईसीसी क्या है?
दरअसल अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court) की स्थापना साल 2002 में की गई थी। इस कोर्ट में मानव नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, आक्रामकता और युद्ध अपराध के खिलाफ सुनवाई होती है। वर्तमान में 123 देश इसके सदस्य हैं। आईसीसी का मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है।
क्या पुतिन होंगे गिरफ्तार?
सबसे पहले आपको बता दे कि आईसीसी के पास खुद का कोई पुलिस बल नहीं है। ऐसे में आईसीसी को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए अपने सदस्य देशों पर निर्भर रहना होता है। रूस इस समय आईसीसी का सदस्य नहीं है, ऐसे में उसके लिए इस अरेस्ट वारंट का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हालांकि यह जरूर हो सकता है कि पुतिन किसी ऐसे देश की यात्रा पर जाए, जो आईसीसी का सदस्य हो तो वह देश जरूर पुतिन को गिरफ्तार करके आईसीसी के सामने पेश कर सकता है। लेकिन ऐसा होने की उम्मीद बेहद कम है क्योंकि आईसीसी के सदस्य देश भी इसके आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं होते हैं। ऐसे में कोई भी देश पुतिन को गिरफ्तार करके बेवजह रूस से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहेगा। वहीं इस वारंट के बाद पुतिन भी ऐसे देशों की यात्रा करने से बचेंगे।
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