राज एक्सप्रेस। पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है। पाकिस्तान की पेशावर पुलिस ने ईशनिंदा के आरोपों के चलते एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गौरतलब है कि साल 2021 में भी पाकिस्तान के सियालकोट की एक फैक्ट्री में ईशनिंदा के आरोपों के चलते लोगों ने एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। तो चलिए जानते हैं कि ईशनिंदा क्या है? और ईशनिंदा को लेकर क्या कानून है?
ईशनिंदा क्या है?
दरअसल ईशनिंदा का मतलब होता है ईश्वर की निंदा करना। किसी धर्म के ईश्वर के बारे में कोई ऐसी बात कहना या ऐसी हरकत करना, जिससे ईश्वर का अपमान हो उसे ईशनिंदा कहते हैं। किसी पूजा स्थल, धार्मिक प्रतीकों, चिन्हों, किताबों या धर्म से जुड़ी किसी चीज को नुकसान पहुंचाना भी ईशनिंदा कहलाता है। किसी धर्म के ईश्वर के आपत्तिजनक कार्टून या चित्र बनाना भी ईशनिंदा है।
ईशनिंदा कानून :
पाकिस्तान में इस्लाम या पैगंबर मुहम्म।द के खिलाफ कुछ भी बोलना या ऐसी हरकत करना, जिससे उनका अपमान हो, बहुत बड़ा अपराध है। यहां ब्रिटिशकाल के ईशनिंदा को ही लागू किया गया है। हालांकि समय-समय पर उसमें सजा को बढ़ाया गया है। साल 1986 में पाकिस्तान में ईशनिंदा के दोषी को सजा-ए-मौत या उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान कर दिया गया। पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब और ईरान में भी ईशनिंदा करने पर मौत की सजा दी जाती है।
मारे जा रहे बेगुनाह :
पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून की आड़ में कई बेगुनाह मारे जा रहे हैं। वहां मौजूद अल्पसंख्यकों का कहना है कि लोग उनसे निजी दुश्मनी का बदला लेने के लिए कई बार झूठे आरोप लगा देते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में पिछले 20 सालों में 774 मुसलमानों और 760 अन्य धर्म के लोगों पर ईशनिंदा के आरोप लगे। इनमें से कई लोगों को मौत की सजा भी दी गई।
कितने देशों में ईशनिंदा कानून?
दुनिया में 60 से भी अधिक देशों में ईशनिंदा कानून हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर देश मुस्लिम बाहुल्य हैं। वैसे भारत में ईशनिंदा कानून नहीं है, लेकिन धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है।
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