कोलंबो। डॉलर की कमी और आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने ईंधन की शिपमेंट के लिए पिछले छह महीने में एक करोड़ डॉलर के विलंब शुल्क का भुगतान किया है। यह जानकारी डेली मिरर ने शुक्रवार को दी है। डेली मिरर के अनुसार, विदेशी मुद्रा संकट के कारण सरकार ने अब तक ईंधन को कार्गो से नहीं उतारा है और जब तक वह शिपिंग कंपनियों को अमेरिकी डॉलर से भुगतान नहीं करता है वह कार्गो में ही रहेगा, जिसके कारण उसे विलंब शुल्क का भुगतान देना पड़ रहा है।
विद्युत और ऊर्जा राज्य मंत्री डीवी चनाका ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछले छह महीनो से एक करोड़ डॉलर के विलंब शुल्क का भुगतान किया गया है और सरकार भविष्य में इससे बचने की एक पद्धति अपनाएगी। मंत्री ने कहा कि इस पद्धति को लागू करने की मंजूरी के लिए एक कैबिनेट पेपर प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बार यह प्रणाली लागू हो जाएगी तब हम उन आपूर्तिकर्ताओं से निविदाएं मांगेंगे जो भुगतान से पहले हमारी सुविधाओं तक उस ईंधन को पहुंचाने के लिए इच्छुक हैं और एक बार भुगतान करने के बाद हम इसका उपयोग करना शुरू कर देंगे।
वर्तमान में श्रीलंका ने पर्याप्त रूप से स्टॉक आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा की कमी के कारण क्यूआर कोड प्रणाली के अंतर्गत ईंधन वितरण को तर्कसंगत बनाया है। क्यूआर कोड प्रणाली के अंतर्गत वितरण करने के लिए प्रति माह 120,000 टन डीजल और 100,000 टन पेट्रोल का आयात करता है। ईंधन खरीद के लिए विदेशी ऋण सुविधाओं के बारे में मंत्री ने कहा कि बहुत सारे अनुरोध किए गए हैं।
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