कार्यकाल खत्म होने से 3 दिन पहले संसद क्यों भंग कर रहे हैं शाहबाज Syed Dabeer Hussain - RE
एशिया

अपना कार्यकाल खत्म होने से तीन दिन पहले संसद क्यों भंग कर रहे हैं शाहबाज?

कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर अपने कार्यकाल समाप्त होने से महज तीन दिन पहले शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली क्यों भंग करना चाहते है। इसके पीछे उनकी क्या रणनीति है। चलिए जानते हैं।

Vishwabandhu Pandey

हाइलाइट्स :

  • पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपना कार्यकाल खत्म होने से तीन दिन पहले संसद भंग करना चाहती है।

  • कार्यकाल समाप्त होने से पहले संसद भंग होती है तो शहबाज शरीफ को मिलेंगे चुनाव के लिए 90 दिन।

  • पाकिस्तान में इस समय वर्तमान सरकार के पक्ष में माहौल नहीं है।

राज एक्सप्रेस। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने आधिकारिक आवास पर गठबंधन के सहयोगियों के साथ हुई मीटिंग में 9 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग करने की बात कही है। उन्होंने अपने सहयोगियों को बताया कि वह इसके लिए जल्द ही राष्ट्रपति के पास अधिसूचना भेजने जा रहे हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही नेशनल असेंबली भंग हो जाएगी। खास बात यह है कि 12 अगस्त को पाकिस्तान की वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर अपने कार्यकाल समाप्त होने से महज तीन दिन पहले शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली क्यों भंग करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी क्या रणनीति है? चलिए जानते हैं।

संविधान में छुपा है जवाब

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपना कार्यकाल खत्म होने से तीन दिन पहले संसद क्यों भंग करना चाहती है, इसका जवाब वहां के संविधान में छुपा हुआ है। दरअसल पाकिस्तान के संविधान के अनुसार नेशनल असेंबली का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 60 दिनों के भीतर देश में चुनाव कराना जरूरी होता है। वहीं अगर कार्यकाल के बीच ही नेशनल असेंबली भंग हो जाती है तो इस स्थिति में 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होता है। ऐसे में शहबाज शरीफ अगर अपना कार्यकाल समाप्त होने से तीन दिन पहले भी नेशनल असेंबली भंग करते हैं तो उन्हें अगले चुनाव के लिए 90 दिन का समय मिल जाएगा।

क्यों चाहिए समय?

दरअसल पाकिस्तान में इस समय वर्तमान सरकार के पक्ष में माहौल नहीं है। वहां महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है। आईएमएफ से हुई डील के चलते उन्हें बीते दिनों पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं। ऐसे में पाकिस्तान की आवाम में शाहबाज सरकार के खिलाफ गुस्सा दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि शहबाज शरीफ को अपने पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए कुछ समय चाहिए। इसके अलावा इस बीच आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की रकम भी मिलना शुरू हो जाएगी। इससे भी जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा।

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