नई दिल्ली/तेहरान। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) ने सोमवार को अपने ईरानी समकक्ष अली शामखानी (Ali Shamkhani) के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक, सुरक्षा, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की करने के साथ ही अपनी खुद की मुद्राओं में व्यापार करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
यहां मिली रिपोर्टों के अनुसार दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में मानवीय और आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त की और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की मांग फिर से दोहरायी।
उन्होंने पारगमन सड़कों को “क्षेत्रीय एकीकरण और सामूहिक समृद्धि में एक महत्वपूर्ण तत्व” भी कहा और उदाहरण के तौर पर चाबहार बंदरगाह में भारत के निवेश का हवाला दिया।
एक संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने पारगमन सड़कों, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण ट्रांजिट कॉरिडोर को उन्नत करने के लिए रूस, अन्य मध्य एशियाई देशों और काकेशस क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने “क्षेत्रीय एकीकरण के उद्देश्य से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग को मजबूत करने” का भी उल्लेख किया।
उन्होंने संयुक्त रूप से क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की और बहुपक्षवाद को मजबूत करने के लिए दुनिया में नए और प्रभावी विकास की समीक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव शामखानी ने बैठक के दौरान कहा “गहरी जड़ें सभ्यता, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक साझेदारी, दोनों देशों के नेताओं की इच्छा, साथ ही साथ ईरान और भारत की सामरिक स्वतंत्रता, हैं द्विपक्षीय सहयोग के विकास के लिए मुख्य मंच।”
उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया “ईरान और भारत के बीच संबंध किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं हैं और तीसरे पक्ष की इच्छा से प्रभावित नहीं हैं।”
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