मुशर्रफ का चार सूत्रीय फॉर्मूला जिससे सुलझ सकता था कश्मीर विवाद Syed Dabeer Hussain - RE
एशिया

मुशर्रफ का वह चार सूत्रीय फॉर्मूला, जिसके तहत सुलझ सकता था कश्मीर विवाद

कश्मीर समस्या के समाधान के लिए परवेज मुशर्रफ की योजना थी कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश स्थायी शांति के लिए एलओसी से अपने सैनिकों को वापस बुला लें।

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। रविवार को पाकिस्तान के तानाशाह और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। लंबे समय से बीमार चल रहे 79 साल के परवेज मुशर्रफ ने दुबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली है। बता दें कि मई 2016 में पाकिस्तान की एक अदालत ने उन पर देशद्रोह के आरोप लगाए थे, जिसके बाद वे पाकिस्तान छोड़कर दुबई भाग गए थे। परवेज मुशर्रफ को दुनिया कारगिल युद्ध के खलनायक के तौर पर याद करती है। हालांकि इसके अलावा एक सच यह भी है कि मुशर्रफ ने एक चार सूत्रीय फॉर्मूला दिया था, जिसके तहत भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद का हल निकल सकता था। हालांकि किन्हीं कारणों से दोनों देशों के बीच यह समझौता नहीं हो सका। तो चलिए जानते हैं कि क्या था मुशर्रफ का वह चार सूत्रीय फॉर्मूला।

सैनिकों की वापसी :

कश्मीर समस्या के समाधान के लिए परवेज मुशर्रफ की योजना थी कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश स्थायी शांति के लिए एलओसी से अपने सैनिकों को वापस बुला लें। हालांकि सैनिकों की वापसी कैसे होगी, इसके लिए दोनों देश मिलकर एक योजना बनाएंगे।

सीमाओं में बदलाव नहीं :

परवेज मुशर्रफ का दूसरा प्रस्ताव था कि कश्मीर की सीमाओं में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाए और जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्वतंत्र रूप से सीमा के पार आने-जाने की इजाजत हो। इस स्थिति में LOC को ही अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर माना जाता। यानी भारत को POK से अपना दावा वापस लेना पड़ता बदले में पाकिस्तान भी जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देता।

आजादी नहीं बल्कि स्वायत्तता :

परवेज मुशर्रफ का तीसरा प्रस्ताव था कि जम्मू कश्मीर को भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत अधिक स्वायत्तता की अनुमति दी जाए। यानी यह समझौता होने पर भाजपा को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का मुद्दा छोड़ना पड़ता। इसके बदले में पाकिस्तान अपने उस स्टैंड को छोड़ देता, जिसमें वह कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग करता है।

संयुक्त निगरानी की व्यवस्था :

परवेज मुशर्रफ का चौथा प्रस्ताव था कि जम्मू और कश्मीर में एक संयुक्त पर्यवेक्षण तंत्र बनाया जाए। परवेज मुशर्रफ चाहते थे कि इसमें स्थानीय कश्मीरियों को भी शामिल किया जाए।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT