टोक्यो। भारत ने पड़ोसी देश श्रीलंका को आर्थिक संकट से लड़ने में मदद करने लिए और अधिक निवेश का भरोसा दिलाया है। श्रीलंका अपनी आजादी के 75 वर्ष के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। समाचार पत्र ‘डेली मिरर’ की गुरुवार की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को यह आश्वासन दिया। रिपोर्ट के अनुसार जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिनाजो आबे के अंतिम संस्कार के मौके पर दोनों नेता कुछ देर के लिए मिले थे।
अखबार ने कहा कि दोनों नेताओं ने बुधवार शाम श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन पर चर्चा की थी। ‘द मिरर’ ने कहा कि श्री मोदी ने राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने पर विक्रमसिंघे को बधाई दी और श्रीलंका के आर्थिक संकट पर चर्चा की, जिसकी वजह से देश में भोजन, ईंधन और दवाओं जैसी आवश्यक चीजों की व्यापक कमी हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ श्रीलंका की बातचीत और वार्ता की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली।अखबार के अनुसार श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने और अधिक भारतीय निवेश का अनुरोध किया है जिस पर श्री मोदी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद करने के लिए श्रीलंका में अपना निवेश बढ़ाएगा। दोनों नेताओं के बीच बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने आर्थिक अस्थिरता के दौरान श्रीलंका की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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