राज एक्सप्रेस। इन दिनों जापान एक बड़े संकट से गुजर रहा है और यह संकट भी ऐसा है, जिसके चलते उसके अस्तित्व पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के एक सलाहकार ने चेतावनी दी है कि जल्द ही इस संकट का समाधान नहीं किया गया तो एक दिन जापान गायब हो जाएगा। बता दें कि जापान पर मंडरा रहा यह संकट किसी महामारी या युद्ध का नहीं है बल्कि यह संकट गिरती जनसंख्या का है। जहां एक तरफ दुनिया के कई देश बढ़ती जनसंख्या से परेशान हैं तो वहीं जापान की गिरती जनसंख्या ने उसकी चिंता बढ़ा दी है।
जन्म से दोगुनी मौतें :
बता दें कि पिछले साल जापान में कुल 7,99,728 शिशुओं का जन्म हुआ था। पिछले कुछ दशकों की बात करें तो यह पहला मौका है जब जापान में एक साल में 8 लाख से कम बच्चों का जन्म हुआ है। वहीं पिछले साल जापान में 15 लाख 80 हजार लोगों की मौत हुई है। इस आंकड़े के जरिए हम समझ सकते हैं कि जापान की जनसंख्या कितनी तेजी से कम हो रही है।
बूढ़ा हो रहा जापान :
जापान में जन्मदर में कमी आने के चलते वहां युवाओं की तुलना में बुजुर्ग लोगों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। जापान के एक शहर मोनाको की मध्य आयु 49 साल हो गई है। यानी इस शहर में आधी जनसंख्या 49 साल से कम आयु की और आधी जनसंख्या 49 से अधिक आयु की है। बता दें कि मोनाको की मध्य आयु पूरी दुनिया में सबसे अधिक है।
साल 2008 के करीब पहुंची जनसंख्या :
बता दें कि वर्तमान में जापान की जनसंख्या करीब 12 करोड़ 46 लाख है। वहीं साल 2008 की बात करें तो उस समय जापान की जनसंख्या करीब 12 करोड़ 40 लाख थी। ऐसे में हम अंदाजा लगा सकते हैं कि जनसंख्या के मामले में जापान किस तरह से पीछे जा रहा है।
खत्म हो जाएगा जापान :
जापान में घटती हुई जनसंख्या को देखते हुए वहां के प्रधानमंत्री के मसाको मोरी ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि अगर देश की आबादी इसी तरह कम होती रही तो देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। साथ ही घटते जन्मदर से जापान एक दिन गायब हो जाएगा।
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