हाइलाइट्स :
भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम को कराची के अस्पताल में किया भर्ती
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की हालत गंभीर होने की खबर
ऐसे में सोशल मीडिया पर दाऊद को जहर दिए जाने की खबर हो रही वायरल
Dawood Ibrahim: भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान कराची के अस्पताल में भर्ती किया गया है ऐसे में उनकी हालत गंभीर होने की खबर है। वही सोशल मीडिया पर दाऊद को जहर दिए जाने की खबर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि, उसे कराची में जहर दिया गया है, जिससे उसकी हालत बिगड़ी है। हालांकि इन रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो सकी है।
मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की एक पत्रकार ने दाऊद को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पत्रकार ने कहा- दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दिया है। उसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। उन्होंने कहा कि यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, लेकिन यह कहां तक सही है, इसकी जानकारी नहीं।
बताया जा रहा है कि, दाऊद इब्राहिम को अस्पताल में जिस फ्लोर पर दाऊद को रखा गया है, वहां कोई दूसरा पेशेंट मौजूद नहीं है। वहां सिर्फ उसके परिवार के लोग ही जा सकते हैं। इस मामले पर मुंबई पुलिस भी नजर बनाए हुए है। एक अधिकारी ने बताया है कि दाऊद को जहर दिए जाने की खबर काफी हद तक अफवाह भी हो सकती है। ऐसे में मुंबई पुलिस जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही।
हमारे देश में मोस्ट वांटेड गैंगस्टर के तौर पर जाना जाने वाला दाऊद इब्राहिम अक्सर चर्चा में बने रहते है। दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी है, NIA ने पिछले साल इनामी राशि की लिस्ट जारी की। इसमें दाऊद पर 25 लाख का इनाम रखा गया था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का पता बताने वाले को 25 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। दाऊद को संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन्स) भी ग्लोबल आतंकवादी घोषित कर चुका है।
दाऊद इब्राहिम की कहानी :
दाऊद इब्राहिम के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे लेकिन वहीं दूसरी तरफ छोटी उम्र से चोरी और डकैती जैसे कामों में लगने वाला दाऊद के कदम किसी और दिशा में बढ़ चले थे, 19 साल की उम्र में ही दाऊद गैंगस्टर की दुनिया में कदम रखते हुए हाजी मस्तान का करीबी सहयोगी बन गया। मगर मुंबई पुलिस ने मस्तान का शासन खत्म करने के लिए दाऊद को मस्तान से लड़ने के लिए कह दिया। जिसके बाद दाऊद ने मस्तान से सीधा मुकाबला किया।
लेकिन इन सब के बीच एक गैस स्टेशन पर तीन हत्यारों ने दाऊद के साथ शब्बीर को भी घेर लिया। इस हमले में दाऊद फरार हो गया लेकिन शब्बीर के नसीब में मौत आई। लेकिन बाद में दाऊद ने इस हत्या में शामिल सभी लोगों को मार डाला। जिसके बाद साल 1984 में दाऊद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन खबरों के अनुसार वह दुबई भाग गया, और यहां उसने अपने घर क्राइम के मास्टरमाइंड को बुलाया। इसके बाद छोटा राजन को अपनी डी कंपनी का संचालन करने के लिए कहा।
साल 1991 से दाऊद की कहानी ने नया मोड़ लिया क्योंकि भारत ने इस दौरान विदेशी देशों के लिए बाजार खोल दिए और कालाबाजारी कम होने लगी।
इसके बाद मुंबई के डॉक पर दाऊद के जहाज भी कम होते चले गए। इस दौरान ही पुलिस और डी कंपनी के लोगों के बीच गोलाबारी भी हुई।
इसके बाद से ही दाऊद इब्राहिम को कभी सामने आते नहीं देखा गया।
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