इस्लामाबाद। लाहौर की एक विशेष अदालत में शनिवार को पिछले साल सात सितंबर को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके पुत्र हमज़ा शाहबाज और अन्य को चीनी घोटाला मामले में 16 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आरोपी ठहराया गया था।
संघीय जांच एजेंसी ने (एफआईए) ने नवंबर 2021 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 419, 420, 468, 471, 34 और 109 और धन शोधन विरोधी धारा 3/4 के तहत श्री शहबाज और उनके बेटों हमज़ा और सुलेमान के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके बाद से सुलेमान शहबाज फरार होकर ब्रिटेन पहुंच गया है। विशेष अदालत में आज सुनवाई के दौरान अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भगोड़ा घोषित सुलेमान की संपत्ति का ब्यौरा अदालत में पेश किया गया।
इससे पहले दिसंबर 2021 में एफआईए ने चीनी घोटाला मामले में 16 अरब रुपये के धन शोधन में कथित संलिप्तता के लिए प्रधानमंत्री शहबाज और हमज़ा के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष चालान पेश किया था। जिसमें जांच दल द्वारा यह बताया गया था कि उसने शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता लगाया था, जिसके माध्यम से 2008-18 के दौरान 16.3 अरब रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला था। एफआईए ने 17,000 क्रेडिट लेनदेन की भी जांच की थी।
एफआईए ने आरोप लगाया कि 16 अरब रुपये का चीनी कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि श्री शहबाज ने कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के खातों से इस धन को हुंडी / हवाला नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान के बाहर भेजा था, जो अंतत: उनके परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाने की नियत से किया गया था।
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