ढाका। बंगलादेश (Bangladesh) ने अपनी विजय की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन सभी सैनिकों को याद किया, जिन्होंने पाकिस्तान के कब्जे से बंगलादेश (Bangladesh) को मुक्त कराया था। वीर सेनाओं की एक पीढ़ी के रक्त, परिश्रम, आंसू और बलिदान से बंगलादेश (Bangladesh) को आजादी मिली थी। बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान द्वारा बंगलादेश (Bangladesh) की आजादी की घोषणा के बाद नौ महीने चले लंबे युद्ध के बाद देश को स्वतंत्रता मिली।
इस लड़ाई में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा और 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के साथ ही बंगलादेश (Bangladesh) आजाद हुआ। बंगलादेश (Bangladesh) 16 दिसंबर को पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में जीत का प्रतीक है। बंगलादेश ने दमन के खिलाफ आवाज उठाना और उसके खिलाफ लड़ाई जारी रखना सिखाया है।
देश के 50वें विजय दिवस पर अपने देशवासियों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने सभी से बंग बंधु के समृद्ध और आत्मनिर्भर बंगलादेश (Bangladesh) के सपने को साकार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम देश को विकास और समृद्धि के रास्ते पर बढ़ाने के लिए मुक्ति संग्राम के लक्ष्यों और भावना के क्रियान्वयन की दिशा में अपना योगदान दें। अपने संदेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुक्ति संग्राम के आदर्शों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
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