काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारा करते परवान में मंगलवार को भारी हथियारों से लैस उपद्रवियों का एक समूह घुस गया और सीसीटीवी कैमरों को तोड़ने तथा ड्यूटी पर तैनात तीन गार्ड को बंधक बनाने के बाद परिसर से बाहर निकाला गया।
काबुल में रहने वाले एक अफगानिस्तानी सिख गुरनाम सिंह ने बताया कि 15-16 अज्ञात हथियारबंद लोग आज अपरान्ह में गुरुद्वारा करते परवान में घुस आये और वहां ड्यूटी पर तैनात तीन गार्ड के हाथ-पैर बांध दिये। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने सीसीटीवी तोड़ दिये। स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और वे गुरुद्वारे में पहुंच गये हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारी नुकसान का निरीक्षण कर रहे हैं।
वहीं काबुल में रहने वाले एक अफगान हिन्दू सज्जन राम शरण सिंह ने बताया कि तालिबान की तरह दिखने वाले हथियारबंद लोग आए थे, लेकिन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का अध्ययन करने के बाद उनकी पहचान उजागर हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "हमने केंद्रीय जांच ब्यूरो को फुटेज सौंप दी है। वे फुटेज की जांच करेंगे और हम कल उनकी पहचान के बारे में पता लगा लेंगे। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने गुरुद्वारे में लगे करीब 4-5 सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए।" उन्होंने बताया कि "सीसीटीवी फुटेज में तालिबानियों की तरह दाढ़ी वाले, पगड़ी पहने, सलवार-कमीज पहने हुए लोग गुरुद्वारारे के दरवाजा के माध्यम से घुसते हुए दिखाई दे रहे हैं।"
वहीं, श्री गुरनाम सिंह ने बताया कि तीनों गार्ड मुस्लिम हैं। हथियारबंद लोग दोपहर करीब 3:15 बजे गुरुद्वारे में दाखिल हुए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे महंगे हैं, जिनकी कीमत डेढ़ लाख रुपये से अधिक है।
इससे पहले, इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने बताया कि हथियारों से लैस अज्ञात तालिबानियों का एक समूह काबुल स्थित गुरुद्वारा करते परवान में घुस गया। उन्होंने गुरुद्वारे में मौजूद लोगोंं को हिरासत में ले लिया। हमलावरों को पहले गलती से अफगान सिख समुदाय का सदस्य समझ लिया गया था।
श्री चंडोक ने कहा, "स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने गुरुद्वारे के सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया है और गुरुद्वारे में तोडफ़ोड़ की है। स्थानीय गुरुद्वारा प्रबंधन मौके पर पहुंच गया है।"
उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि तालिबानियों ने न केवल पवित्र स्थान की पवित्रता भंग की बल्कि तोड़फोड़ भी की। उन्होंने अफगानिस्तान में रह रहे हिन्दू और सिख भाइयों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
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