राज एक्सप्रेस। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा से भारत लौटे हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन से हुई। दोनों राजनेताओं की इस मुलाकात से भारत के संबंधों में भी मजबूती आई है। जहां एक और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पीएम मोदी की और भारत की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। तो वहीं इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर टिप्पणी की है। उनका कहना है कि अगर उनकी बात पीएम मोदी से होती तो वे मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जिक्र जरुर करते। ओबामा की इस टिप्पणी के बाद से ही हर तरफ चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। तो चलिए जानते हैं यह पूरा वाकया क्या है?
बराक ओबामा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा- हिंदू बहुसंख्यक वाले भारत देश में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक ध्यान देने योग्य बात है। यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना बनती है कि आने वाले समय में भारत तेजी से अलग होना शुरू कर देगा।
बराक ओबामा के इस बयान के सामने आने के बाद से ही उनपर सवाल उठना भी शुरू हो गए हैं। दरअसल ओबामा एक तरफ भारत देश में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर चिंता जाता रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ उनका नाम ऐसे कई हमलों में शामिल रहा है, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मारे गए थे।
रिपोर्ट्स की माने तो अमेरिका के द्वारा 7 ऐसे देशों पर 26172 बम गिराए गए थे, जो मुस्लिम बहुल देश थे। इनमें से अधिकतर बम इराक और सीरिया पर गिराए जा चुके हैं। बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए किसी जंग से 10 गुना अधिक एयर स्ट्राइक की जा चुकी है। जिनमें से 563 स्ट्राइक्स तो ऐसी रहीं, जिनका टारगेट पाकिस्तान, सोमालिया और यमन रहे थे।
जानकारी के अनुसार ओबामा के राज में अमेरिका ने हर दिन के औसत से लगभग 72 बम गिराए, जिसमें लाखों मुस्लिम लोग मारे गए थे। ऐसी स्थितियों के बावजूद बराक ओबामा का इस तरह से भारत पर सवाल उठाना किसी को भी रास नहीं आ रहा है।
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