ताइवान के बाद जापान में आया भूकंप
जापान के होंशू के पूर्वी तट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया
जान-माल की हानि की कोई खबर नहीं
होंशू, जापान। यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र की जानकारी के मुताबिक आज जापान के होंशू के पूर्वी तट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया है जो की 32 किमी की गहराई पर था जिसे टोक्यो और चीन में भी महसूस किया गया। हालाँकि, स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार जान-माल का कोई ज्यादा नुक्सान नहीं हुआ है। जापान से पहले कल ताइवान दक्षिणी द्वीपों में 7.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए थे जिसका असर जापान के तटों पर भी पड़ा था।
जापान जो की 12 करोड़ से अधिक लोगो का घर है, में हर साल लगभग 1,500 बार भूकंप झटकों को महसूस करता है लेकिन इनमे से अधिकांश हल्के होते हैं। इसी वजह से जापान में बनने वाली हर इमारत का डिजाइन इस तरह से किया जाता है कि वो बड़े से बड़े भूकंप के झटकों को भी आसानी से झेल सके। बहरहाल, जापान ने ओकिनावा प्रांत के लिए सुनामी अलर्ट जारी कर दिया है जिसमे लोगों को तटों से दूर रहने और ऊंचाई वाली जगहों पर जाने का निर्देश दिया गया है। जापान के दक्षिण-पश्चिम तट पर 3 मीटर ऊंची लहरों को उठते हुए भी देखा गया।
बीते दिन, ताइवान में 7.2 तीव्रता के भूकंप के झटके ने पूरे ताइवान द्वीप को हिलाकर रख दिया था जिसमे ताइवान द्वीप के दक्षिणी शहर में कई इमारतें ढह गईं। इसमें अब तक 9 लोगों की मौत, 1000 लोगों के घायल और 150 लोगों के लापता होने की जानकारी सामने है। भूकंप से हुलिएन शहर में इमारतों को भी नुकसान पहुंचा, जबकि पूरे ताइवान में ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गई। स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को कक्षाएं रद्द करने और घर से काम करने के विकल्प दिए गए हैं।
जापान का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप मार्च 2011 में जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर समुद्र के अंदर 9.0 तीव्रता का एक बड़ा झटका था, जिसके कारण सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए। 2011 की आपदा ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टरों को भी पिघला दिया, जिससे जापान की युद्ध के बाद की सबसे खराब आपदा और चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना हुई। कुल लागत112 बिलियन डॉलर आंकी गई थी।
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