चीन में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मिलने से मची खलबली Syed Dabeer Hussain - RE
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चीन में सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मिलने से मची खलबली

पूरी दुनिया से फिलहाल कोरोना का खतरा अभी टला भी नहीं है और अब चीन से एक और नए वायरस अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मिलने की खबर सामने आ गई है। इस बारे में जानकारी चीन के शोधकर्ताओं ने स्वयं दी है।

Author : Kavita Singh Rathore

चीन। पूरी दुनियाभर के देश वर्तमान में चीन के वुहान से फैलना शुरू हुई महामारी कोरोना वायरस से लगातार जंग लड़ रहे हैं। पूरी दुनियाभर में कोरोना के मरीज का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच चुका है। इसके अलावा लाखों लोगों की जान भी इसके चलते जा चुकी है। पूरी दुनिया से फिलहाल कोरोना (कोविड-19) का खतरा अभी टला भी नहीं है और वहीं अब चीन से एक और नए वायरस अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मिलने की खबर सामने आ गई है। इस बारे में जानकारी चीन के शोधकर्ताओं ने स्वयं दी है।

चीन में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की दहशत :

दरअसल, चीन में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के वायरस के मिलने से दहशत फेल गई है क्योंकि, यह वायरस वर्तमान समय में कोरोना महामारी के चलते और गंभीर हो सकती है। स्वाइन फ्लू से मुसीबत और अधिक इसलिए बढ़ और है। क्योंकि, चीन में सुअरों के अंदर नए अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के वायरस मिलने की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं इस वायरस के चलते ही चीन में बड़ी संख्या में सूअरों की मौत भी हो चुकी है। खबरों की मानें तो, चीन के सिंचुआन प्रांत में बड़ी संख्या में सूअर अफ्रीकन स्वाइन फीवर की वजह से मर रहे हैं। ऐसे में उन लोगों को ज्यादा खतरा है जो भोजन में सूअर का इस्तेमाल करते हैं।

सूअर के मांस का उत्पादन हो सकता है कम :

बताते चलें, सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर को बीमारी की पुष्टि से चीन के दक्षिण इलाके में सूअर के मांस का उत्पादन कुछ कम हो सकता है। हालांकि, वर्तमान समय में पहले ही पोर्क (सूअर का मांस) की कीमत बहुत ज्यादा है और कोरोना के चलते पहले ही वहां खाद्य संकट पैदा हो चुका है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस वायरस को लेकर कहा है कि, 'स्‍वाइन फीवर इंसान के लिए घातक नहीं है, इसलिए इसकी कोई वैक्‍सीन नहीं बनी है।' बताते चलें, इसी साल पिछले महीनों के दौरान भी चीन के सूअरों में स्वाइन फ्लू के फैलने की खबर सामने आई थी।

पहले भी हुए है हालत बेकाबू :

जानकारी के लिए बता दें, चीन में स्‍वाइन फीवर के चलते हालत बेकाबू हो चुके हैं। साल 2018 में भी चीन में स्‍वाइन फीवर से 40 करोड़ सूअर में से आधे से ज्यादा की मौत हो गई थी। उसके बाद इस साल फरवरी मेंभी सूअरों में अफ्रीकन स्‍वाइन फीवर फैलने की खबर सामने आई थी। तब यहां अफ्रीकन स्‍वाइन फीवर के दो नए स्‍ट्रेन मिले थे। जिनसे एक हजार से ज्यादा सूअर मारे गए थे।

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