अफगानिस्‍तान में भीषण भूकंप से 255 लोगों की मौत Social Media
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अफगानिस्‍तान में भीषण भूकंप से 255 लोगों की मौत, कई घायल- इतनी मापी गई तीव्रता

अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके आए हैं, जिसमें 255 लोगों की मौत की खबर मिली है।

Author : Sudha Choubey

अफगानिस्‍तान। अफगानिस्‍तान (Afghanistan) से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके आए हैं, जिसमें 255 लोगों की मौत की खबर मिली है। यह आंकड़ा और ज्यादा हो सकता है। वहीं इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता:

बताया जा रहा है कि, अफगानिस्‍तान में आज बुधवार तड़के भूकंप से धरती कांपी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, अफगानिस्‍तान में आज सुबह आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 आंकी गई है। अमेरिकी जिओलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र दक्षिणी पूर्वी अफगानिस्‍तान के खोस्‍त शहर से 44 किमी दूर था।

बता दें कि, अफगानिस्तान की अथॉरिटीज के मुताबिक देश में भूकंप के चलते बड़े पैमाने पर मकान ध्वस्त हो गए हैं और मलबे में दबने से कम से कम 255 लोगों की मौत हो गई है। राहत और बचाव कार्य के लिए एजेंसियां मौके पर पहुंच चुकी है। लोगों को बचाने और घायलों को अस्पताल में पहुंचाने का काम जारी है। भूकंप के झटके भारत और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए हैं।

सोशल मीडिया पर आ रही तस्वीरों से घायलों की संख्या का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। सबसे ज्यादा नुक़सान पक्तिका प्रांत में हुआ है। इस प्रांत में बड़ी संख्या में घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। यहां से आ रही तस्वीरों में घायलों को स्ट्रेचर में ले जाते देखा जा सकता है।

वहीं, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस बारे में बताया कि, भूकंप से 100 से ज्यादा घर तबाह हो गये हैं। उन्होंने बताया कि, बचाव कार्य में हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। वहीं सहायता के लिए एजेंसियों को आने के लिए कहा है।

क्यों आता है भूकंप:

भूकंप के बारे में आए दिन ही खबरें लगातार सामने आ रही हैं, किसी न किसी राज्य में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आता है कि, आखिर क्‍यों बार-बार भूकंप के झटके लग रहे हैं। दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती है,जब यह प्लेट बहुत ज्यादा कंपित हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

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