राज एक्सप्रेस। भारत और रूस की दोस्ती जग-जाहिर है। दोनों ही देश हर मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देते आ रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने अब तक रूस के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन युद्ध के चलते दुनिया से अलग-थलग पड़े रूस ने भारत से मदद मांगी है। यही नहीं मदद नहीं करने पर रूस ने भारत को रक्षा और ऊर्जा डील को खत्म करने की धमकी दी है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ, जिसके चलते भारत और रूस की दोस्ती पर खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल एफएटीएफ यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक ऐसी संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराध को रोकने का काम करती है। यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के विरोध में एफएटीएफ ने फरवरी में रूस की सदस्यता रद्द कर दी थी। जून में एफएटीएफ की मीटिंग होनी है और रूस को डर है कि इस मीटिंग में एफएटीएफ उसे 'ब्लैक लिस्ट' या 'ग्रे लिस्ट' में शामिल कर सकता है।
दरअसल एफएटीएफ अगर रूस को 'ब्लैक लिस्ट' या 'ग्रे लिस्ट' में शामिल कर देता है तो इससे रूस की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है। पहले से ही कई तरह के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे रूस के लिए यह एक बड़ा झटका साबित होगा। उसे वित्तीय सहायता मिलना बंद हो जाएगी और मल्टी नेशनल कंपनियां वहां से अपना कारोबार समेट सकती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए रूस ने भारत सहित ग्लोबल साउथ के कई देशों मदद मांगी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भारत अभी तक तटस्थ रुख अपनाते आया है। भारत ने अभी तक ना तो रूस के पक्ष में कोई बयान दिया और ना ही विपक्ष में। लेकिन इस बार रूस ने एफएटीएफ में खुद को 'ब्लैक लिस्ट' या 'ग्रे लिस्ट' में शामिल होने से बचाने के लिए भारत से मदद मांगी है। यही नहीं समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने भारत को धमकी दी है कि अगर वह रूस की मदद नहीं करता है तो वह भारत के साथ रक्षा और ऊर्जा डील को खत्म कर देगा।
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