जानिए ऋषि सुनक कौन है? Syed Dabeer Hussain - RE
यूरोप

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं ऋषि सुनक, नारायण मूर्ति से है खास रिश्ता

भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक फ़िलहाल ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। जानिए ऋषि सुनक कौन हैं? और भारत से उनका क्या रिश्ता है?

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। कार्यकारी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री की खोज शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री की रेस में फ़िलहाल भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक सबसे आगे चल रहे हैं। एलिमिनिशेन राउंड में ऋषि सुनक को सबसे अधिक 25% वोट मिले है। अगर ऋषि सुनक इस रेस में कामयाब होते हैं और वह ब्रिटिश सांसदों का समर्थन जुटा लेते हैं तो वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

कौन हैं ऋषि सुनक?

बता दें कि ऋषि सुनक पहली बार तब पूरी दुनिया में चर्चा में आए थे जब बोरिस जॉनसन ने उन्हें वित्तमंत्री बनाया था। उनके दादा-दादी का जन्म ब्रिटिश राज के दौरान पंजाब में हुआ था। बाद में साल 1960 में वह ब्रिटेन जाकर बस गए थे। ऋषि के पिता यशवीर का जन्म केन्या जबकि माता उषा का जन्म तंजानिया में हुआ था। वहीं ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था।

नारायण मूर्ति के दामाद हैं ऋषि :

ऋषि सुनक इंफोसिस के सह संस्थापक और भारत के दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति के दामाद भी हैं। ऋषि सुनक ने साल 2009 में नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की थी। ऋषि और अक्षता की दो बेटियां भी हैं, जिनका नाम कृष्णा और अनुष्का हैं।

शिक्षा :

प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद ऋषि ने विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की शिक्षा हासिल की है। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की। ऋषि ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।

करियर :

ऋषि सुनक साल 2015 में पहली बार यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद चुने गए थे। ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते राजनीति में वह तेजी से उभरे। कई बड़े नेताओं ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें भविष्य का बड़ा नेता भी बताया था। साल 2018 में ऋषि मंत्री बने जबकि, इसके अगले साल उन्हें ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। ऋषि चुनाव के दौरान भी काफी सक्रिय थे। बोरिस जॉनसन के चुनाव प्रचार में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मैं हिंदू हूँ :

ऋषि सुनक के बारे में एक ख़ास बात यह भी है कि वह बाइबल नहीं बल्कि भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं। इसको लेकर उनका कई बार विरोध भी हुआ है। लेकिन ऋषि कहते है कि मैं ब्रिटेन का नागरिक जरूर हूँ, लेकिन मेरा धर्म हिंदू है। मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं और मेरी पहचान एक हिंदू की है।

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