चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट से एशिया से लेकर यूरोप के देश जुड़े हैं।
ऑस्ट्रेलिया, मालदीव और श्रीलंका जैसे देश बीआरआई प्रोजेक्ट से बाहर निकलने का फैसला कर चुके हैं।
अब इस लिस्ट में एक और देश इटली का नाम भी जुड़ गया है।
इटली के रक्षा मंत्री ने जल्द ही बीआरआई प्रोजेक्ट से अलग होने के संकेत दे दिए हैं।
राज एक्सप्रेस। चीन पर अक्सर आरोप लगते रहते हैं कि वह अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट के तहत गरीब और विकासशील देशों को विकास के सपने दिखाकर उन्हें अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है। चीन के इस प्रोजेक्ट से एशिया से लेकर यूरोप के देश जुड़े हैं। हालांकि समय के साथ इन देशों को अपनी गलती का अहसास होता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया, मालदीव और श्रीलंका जैसे देश पहले ही चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट से परेशान होकर इससे बाहर निकलने का फैसला कर चुके हैं। अब इस लिस्ट में एक और देश इटली का नाम भी जुड़ गया है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है?
बीते दिनों इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, ‘चार साल पहले चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट के साथ जुड़ने का फैसला इटली के लिए तबाह करने वाला फैसला था। इस प्रोजेक्ट से सिर्फ चीन को फायदा हुआ है। इटली के लिए यह प्रोजेक्ट बिल्कुल फायदेमंद साबित नहीं हुआ।’
इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने जल्द ही बीआरआई प्रोजेक्ट से अलग होने के संकेत भी दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हमें देखना होगा कि कैसे चीन के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाए बिना हम इससे बाहर आ सकते हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात के बाद इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भी कहा था कि, ‘बीआरआई को लेकर फैसला लेने के लिए उनकी सरकार के पास दिसंबर तक का समय है।’
दरअसल बीआरआई प्रोजेक्ट की वजह से चीन का इटली में निर्यात कई गुना बढ़ गया है, जबकि इसके विपरीत इटली का चीन में निर्यात पर कुछ खास प्रभाव नहीं पढ़ा है। बीते दिनों चीन ने अपने बयान में कहा था कि बीआरआई प्रोजेक्ट से दोनों देशों को लाभ हो रहा है, लेकिन इटली के रक्षा मंत्री ने चीन के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।