राज एक्सप्रेस। 8 सितंबर 2022 को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है। एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा लंबे समय तक शासन करने वाली राष्ट्राध्यक्ष थीं। रविवार को महारानी के शव को एबर्डीनशायर के बाल्मोरल कैसल से स्कॉटलैंड स्थित उनके आधिकारिक आवास होलीरूडहाउस पैलेस लाया गया। इसी के साथ महारानी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। महारानी के निधन के बाद शाही परिवार से जुड़ी एक के बाद एक रस्में निभाई जा रही है। ऐसी ही एक रस्म के तहत मधुमक्खियों को भी महारानी के निधन और किंग चार्ल्स के राजा बनने की खबर दी गई है।
अनोखी परम्परा :
दरअसल ब्रिटेन की रॉयल फैमिली के घर बकिंघम पैलेस में मधुमक्खियों के कुछ छत्ते हैं। हर छत्ते में करीब 20,000 मधुमक्खियां होती हैं। परम्परा है कि शाही परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाने, किसी नए सदस्य के जन्म या किसी के राज्याभिषेक की सूचना मधुमक्खियों को भी दी जाती है। इस बार भी महारानी एलिजाबेथ के निधन के अगले ही दिन शाही मधुमक्खी पालक ने मधुमक्खियों को इसके बारे में जानकारी दी थी। साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि, ‘उनके नए मालिक अब किंग चार्ल्स तृतीय है।’
कैसे दी जाती है सूचना?
शाही परिवार में हुई किसी भी बड़ी घटना की जानकारी देने के लिए शाही मधुमक्खी पालक मधुमक्खियों के हर छत्ते के पास जाता है और कहता है कि, ‘आपकी मालकिन या मालिक की मौत हो गई है, लेकिन आप कहीं मत जाना। आपका नया मालिक आपके लिए अच्छा होगा, इसलिए उसके साथ अच्छा व्यवहार करें।’
क्यों दी जाती है सूचना?
दरअसल शाही परिवार की इस अनोखी परम्परा के पीछे पुराना अंधविश्वास छिपा हुआ है। मान्यता है कि अगर शाही भवन की इन मधुमक्खियों को शाही परिवार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी जाएगी तो वह व्यथित हो जाएंगी। वह शहद का उत्पादन बंद कर देगी और छत्ता छोड़ देंगी या मर जाएंगी।
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