1966 indian newspapers found in french glacier Social Media
यूरोप

लंदन: क्या है ग्लेशियरों में साल 1966 के भारतीय अखबार मिलने का सच?

लंदन: अक्सर कई ऐसे वाकए सामने आते हैं, जिन पर भरोसा कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसी ही एक घटना पश्चिमी यूरोप के फ्रांसीसी ग्लेशियरों से सामने आई है। जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान रह गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

लंदन। अक्सर कई ऐसे वाकए सामने आते हैं। जिन पर भरोसा कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है; परंतु यह 100% सच होते हैं। ऐसी ही एक घटना पश्चिमी यूरोप के मोंट ब्लैंक पर्वत श्रृंखला के फ्रांसीसी बोसन्स ग्लेशियरों से सामने आई है। जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान रह गया है। दरअसल, इन ग्लेशियरों से साल 1966 का भारतीय अखबार मिला है। जो इन ग्लेशियरों में मिलना अपने आप में ही एक चौंका देने वाला मुद्दा है।

क्या है मामला ?

दरअसल, फ्रेंच रिसॉर्ट ऑफ चामोनिक्स से ऊपर, 1350 मीटर की ऊंचाई पर एक कैफे-रेस्तरां चलाने वाले टिमोथी मोटिन को साल 1966 के इंदिरा गांधी के चुनाव जीतने वाली सुर्खियों के भारतीय अखबार मिले हैं। इस अखबार के साथ ही इन ग्लेशियरों में ‘नेशनल हेराल्ड’ और ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ सहित एक भारतीय अखबारों की कई कॉपिया मिली हैं। यह सबके लिए बहुत ही हैरानी की बात है। ब्रिटेन की मीडिया एजेंसियों के अनुसार, यह अखबार अभी सूख रहे हैं। हालांकि, वो अभी भी बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं। उन पर लिखे समाचार आसानी से पड़े जा सकते हैं।

अखबार मिलने का सच :

दरअसल, इन अखबारों के मिलने की घटना को साल 1966 में 24 जून को हुई एयर इंडिया के एक विमान के क्रेश होने की खबरों से जोड़ा जा रहा है। खबरों के अनुसार, इस जगह 1966 में एयर इंडिया के एक विमान क्रेश होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और यह अखबार उसी विमान के मलबे में मिले हैं। फ्रांस की एक मीडिया एजेंसी के मुताबिक यूरोप की सर्वोच्च पर्वत श्रृंखला पर एअर इंडिया का विमान क्रेश हुआ था। यह विमान एअर इंडिया का बोइंग 707 विमान था। यह विमान हवाई यातायात नियंत्रण से संबंधित किसी कम्युनिकेशन गेप के चलते पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में चालक दल के सदस्यों के साथ ही सभी सवार 177 यात्री भी मारे गये थे।

पहले भी मिली हैं कई वस्तुएं :

रेस्तरां चलाने वाले टिमोथी मोटिन जिन्हें यह मिला है, वह इसे अपने रेस्तरां में सजा के रखेंगे। जिससे आने-जाने वाले उनके ग्राहक उसे देख सकें। बता दें, इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद साल 2012 से विमान से संबंधित अनेक चीजें मिलनी शुरू हुई थीं।

  • साल 2012 में ही इस जगह राजनयिक डाक का एक थैला भी मिला था और इस पर भारत सरकार की सेवा में, राजनयिक डाक, विदेश मंत्रालय की मुहर लगी थी।

  • साल 2013 में एक फ्रांसीसी पर्वतारोही को धातु का एक डिब्बा मिला जिस पर एअर इंडिया का लोगो बना हुआ था। इस डिब्बे के अंदर 1,17,000 से लेकर 2,30,000 ब्रिटिश पाउंड कीमत के पन्ने, नीलम और माणिक्य थे।

  • साल 2017 में इसी स्थान पर कुछ मानव अवशेष भी मिले थे।

  • वहीं अब साल 2020 में भारतीय अखबार मिले हैं।

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