वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के कैथोलिक चर्च ने स्वीकार किया है कि 1950 से उसके धर्मप्रांत के 14 फीसदी पादरियों पर बच्चों और वयस्कों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। चर्च ने रॉयल कमीशन ऑन एब्यूज इन केयर के अनुरोध पर आंकड़े जारी किए, जिसे वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न द्वारा स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा था कि देश अपने इतिहास में 'एक काले अध्याय' का सामना कर रहा है।
दिसंबर में आयोग की एक अंतरिम रिपोर्ट में पाया गया कि 1960 के दशक से 2000 के दशक तक न्यूजीलैंड के आस्था-आधारित और राज्य देखभाल संस्थानों में सवा लाख बच्चों, युवाओं और कमजोर वयस्कों का शारीरिक और यौन शोषण किया गया था। अंग्रेजी दैनिक गार्जियन के अनुसार, दुर्व्यवहार के आरोपों में शारीरिक, यौन और भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार और उपेक्षा शामिल हैं। निष्कर्ष है कि 1950 के बाद से, 1,350 बच्चों और 164 वयस्कों ने दुर्व्यवहार से पीड़ित होने की सूचना दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, ''चर्च ने केवल यह जारी किया है कि उसने कौन सी जानकारी दर्ज की है और इसे सभी दुर्व्यवहारो की व्यापक सूची के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यौन शोषण के वास्तविक पैमाने को मापना बहुत मुश्किल है।" एनजेड कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन ड्यू ने कहा, ''आंकड़े 'भयानक' थे और चर्च को 'बहुत शर्मिंदगी' है।" उन्होंने कहा, ''मैं आभारी हूं कि विवरणों पर शोध करने और उन्हें सार्वजनिक करने में इतना काम किया गया है।"
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