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World Olympic Day : पांच मौके जब भारत ने रचा ओलंपिक में इतिहास

हर साल 23 जून को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। ओलंपिक दिवस का उद्देश्य दुनियाभर में उम्र, लिंग, जाति या धर्म के भेदभाव के बिना खेलों में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है।

Author : Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। हर साल 23 जून को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। इस दौरान कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया जाता हैं। दुनिया में पहली बार 23 जून 1948 को ओलंपिक दिवस मनाया गया था। ओलंपिक दिवस का उद्देश्य दुनियाभर में उम्र, लिंग, जाति या धर्म के भेदभाव के बिना खेलों में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस मौके पर आज हम भारत के कुछ ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने ओलंपिक खेलों में इतिहास रचा है।

अभिनव बिंद्रा :

ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा हैं। अभिनव बिंद्रा ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में एयर राइफल शूटिंग में 10।8 का स्कोर हासिल कर स्वर्ण पदक जीता था।

नीरज चोपड़ा :

भारत की ओर से एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 87.58 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर इतिहास रचा।

केडी जाधव :

भारत के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहला ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी का नाम केडी जाधव है। उन्होंने साल 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में फ्री स्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

कर्णम मल्लेश्वरी :

ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी कर्णम मल्लेश्वरी हैं। उन्होंने साल 2000 में सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था।

भारतीय हॉकी टीम :

ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का इतिहास स्वर्णिम रहा है। भारतीय हॉकी टीम ने अब तक आठ स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक सहित कुल 12 मेडल अपने नाम किए हैं। साल 1928 से लेकर 1956 तक भारतीय हॉकी ने लगातार छह स्वर्ण अपने नाम किए थे।

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