नई दिल्ली। भारत की होनहार मुक्केबाज निखत जरीन और लवलीना बोरगोहेन ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रविवार को अपने-अपने फाइनल मुकाबले जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किये।
पिछली बार 52 किग्रा वर्ग में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली निखत ने 50 किग्रा वर्ग में दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की थी ताम नुयेन को 5-0 से हराकर लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन का ताज अपने सिर सजाया। टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट लवलीना ने खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की केटलीन पार्कर को 5-2 से मात देकर भारत का चौथा स्वर्ण जीता।
गत विश्व चैंपियन निखत ने बाउट की शुरुआत से ही सटीक मुक्के मारे और पैरों का तेजी से उपयोग करके नुयेन के हमलों को बेअसर किया। निखत ने पहला राउंड 5-0 से जीत लिया लेकिन वियतनामी मुक्केबाज ने अच्छी वापसी करते हुए दूसरा राउंड 3-2 से अपने नाम किया। निखत ने निर्णायक राउंड में धैर्य और आक्रमण का सही मिश्रण करके दिखा दिया कि वह दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने की हकदार हैं।
निखत विश्व चैंपियनशिप में दो बार स्वर्ण जीतने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज हैं। निखत से पहले मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018) छह बार यह कारनामा कर चुकी हैं। दूसरी ओर, लवलीना विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले भारतीय मुक्केबाजों की सूची में आठवें स्थान पर हैं। सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006) और निखत जरीन (2022) भी भारत के लिये यह कारनामा कर चुकी हैं।
निखत ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, "मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर बेहद खुश हूं, खासकर एक अलग भार वर्ग में। पूरे टूर्नामेंट में आज का मुकाबला सबसे कठिन था और चूंकि यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच था इसलिए मैं अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती थी। यह बाउट उतार-चढ़ाव भरा था जिसमें हम दोनों को चेतावनी के साथ-साथ आठ काउंट भी मिले। अंतिम दौर में मेरी रणनीति थी कि मैं पूरी ताकत से आक्रमण करूं और जब विजेता के रूप में मेरा हाथ उठा तो मुझे बहुत खुशी हुई। यह पदक भारत के लिये और उन सभी लोगों के लिये है जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारा समर्थन किया है।"
निखत ने आगामी ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए इस साल के टूर्नामेंट के लिये फ्लाइवेट से लाइट फ्लाईवेट का रुख किया था। तेलंगाना की 26 वर्षीय मुक्केबाज ने नये भार वर्ग में न सिर्फ शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि अपने स्वर्णिम अभियान में उन्होंने शीर्ष वरीय अफ्रीकी चैंपियन रौमेसा बौआलम, कोलंबिया की इनग्रिड वैलेंसिया और दो बार की विश्व चैंपियनशिप मेडलिस्ट थाईलैंड की छुतामत रक्षत को भी हराया।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने निखत की जीत पर कहा, Þनिखत को लगातार दूसरे वर्ष विश्व चैंपियन बनने पर बधाई। मुझे यकीन है कि वह देश भर की युवा लड़कियों के लिये देश के लिये स्वर्ण पदक जीतने का एक चमकदार उदाहरण बनेंगी। वह आने वाले वर्षों के लिये एक चैंपियन बनने जा रही है और हम निश्चित रूप से 2024 में इनकी ओर से ओलंपिक पदक देखेंगे।"
निखत और लवलीना की के साथ भारत ने कुल चार स्वर्ण पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप का समापन किया। राष्ट्रमंडल खेल 2022 की गोल्ड मेडलिस्ट नीतू घंघास (48 किग्रा) और तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी बूरा (81 किग्रा) ने भी शनिवार को मेजबान टीम के लिये सोना जीता था।
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