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खेल

हुनर में महारथी भारत के मुकाबले बादशाहत सिद्ध करने USA का प्लान खरीद-फरोख्त

प्लान क्या है? यह जानने से पहले अमेरिका की पुरानी/ताजा स्थिति पर भी गौर कर लें।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • फिसड्डी अमेरिका की परेशानी

  • रैंकिंग सुधारने लगाई नई जुगत

  • ऐसे सुधरेगा अब 34th रैंक्ड USACA

राज एक्सप्रेस। अमेरिका में क्रिकेट का इतिहास काफी पुराना है। हालांकि लंबे अर्से तक लागू रहे प्रतिबंधों के उपरांत आईसीसी से मान्यता मिलने के बाद यूएसए में सक्रिय क्रिकेट अब परवान चढ़ता दिख रहा है।

स्पेशल प्लान पर अमल –

देश में क्रिकेट और टीम की मजबूती के लिए यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन (यूएसएसीए/USACA) यानी संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन खासा सक्रिय है। हालांकि फिलहाल क्रिकेट रैंकिंग में उसकी स्थिति काफी कमजोर कही जा सकती है।

वर्ल्ड लेवल पर अमेरिका के क्रिकेट की स्थिति जानने शीर्षक को क्लिक/स्पर्श करें। - स्पेशल लिस्ट में इंग्लैंड अव्वल, भारत नंबर-2, पाक-लंका से भी पिछड़ा अमेरिका

देश में क्रिकेट लीग के आयोजन के साथ ही सक्रिय विदेशी क्रिकेटर्स को अनुबंधित करने के लिए यूएसएसीए ने खास प्लान तैयार किया है। प्लान क्या है? यह जानने से पहले अमेरिका की पुरानी/ताजा स्थिति पर भी गौर कर लें।

अमेरिका का क्रिकेट इतिहास -

अमेरिका में क्रिकेट टीम को पहले संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट एसोसिएशन (USACA) ने स्वरूप प्रदान किया था। टीम 1965 में अंतर राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की सहयोगी सदस्य बनी।

ICC ने जून 2017 में USACA को शासन और वित्त-पोषण के मुद्दों के कारण निष्कासित कर दिया था। इसके बाद अमेरिकी टीम की देखरेख ICC अमेरिका ने तब तक की, जब तक कि एक नई अनुमोदित निकाय स्थापित नहीं हो गई। जनवरी 2019 में, संयुक्त राज्य अमेरिका क्रिकेट को आधिकारिक रूप से सदस्यता प्रदान की गई।

सभी को दर्जा -

अप्रैल 2018 में, ICC ने क्रिकेट खेलने वाले अपने सभी सदस्य देशों को पूर्ण ट्वेंटी 20 अंतर राष्ट्रीय (T20I) क्रिकेट प्लेइंग नेशन का दर्जा देने का फैसला किया।

आपको बता दें, 1 जनवरी, 2019 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य ICC सदस्यों के बीच खेले गए सभी ट्वेंटी 20 मैचों को पूर्णता का दर्जा हासिल है। विश्व क्रिकेट लीग में, अमेरिका 2019 डिवीजन टू टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहा।

चौथा स्थान देश को 2019-22 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप लीग-2 में स्थान अर्जित करने के लिए पर्याप्त था, जिसमें टीम के सभी मैच एक दिवसीय स्तर पर होंगे। टीम की पहली घरेलू एक दिवसीय श्रृंखला 13 सितंबर, 2019 को पापुआ न्यू गिनी और नामीबिया की मेजबानी में शुरू हुई।

पहला इंटरनेशनल मैच -

साल 1844 में कनाडा के खिलाफ खेले गए पहले अंतर राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अमेरिकी प्रतिनिधि टीम ने भाग लिया था। एक सदी और डेढ़ दशक तक, अमेरिकी राष्ट्रीय टीम ने शायद ही कभी अन्य राष्ट्रीय टीमों के खिलाफ मैच खेला हो।

जो मैच खेले उन में भी टीम ने ज्यादातर मैच कनाडा (वार्षिक ऑटि कप (annual Auty Cup) में) या अन्य देशों की टीमों के खिलाफ खेले।

दो चूक -

संयुक्त राज्य अमेरिका ने इंग्लैंड में 1979 के आईसीसी ट्रॉफी में अपने अंतर राष्ट्रीय टूर्नामेंट की शुरुआत की; तब से वह टूर्नामेंट के केवल दो संस्करणों (अब विश्व कप क्वालीफायर के रूप में जाना जाता है) से चूका है।

सिक्स नेशंस चैलेंज विनर -

2004 आईसीसी सिक्स नेशंस चैलेंज जीतने के बाद, टीम ने 2004 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालिफाई किया, टीम ने इसमें अपने पहले दो वन डे इंटरनेशनल (वनडे) मैच खेले।

धोनी ने अमेरिका को क्रिकेट का खास बाजार बताया था -

अमेरिका में सीरीज खेलने गए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तब कहा था कि; क्रिकेट के लिए अमेरिका एक खास बाजार है।

“अमेरिका क्रिकेट के लिए 'विशेष' बाजार है और ऐसा कोई कारण नहीं कि यह खेल यहां सफल नहीं हो सके।”
महेंद्र सिंह धोनी, कप्तान, अंतर राष्ट्रीय भारतीय टी-20 क्रिकेट टीम (अमेरिका की सरजमीं पर होने वाले भारत के पहले अंतर राष्ट्रीय टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर। अगस्त, 2016)

सुविधायुक्त शानदार खेल मैदान -

क्रिकेट खेलने वाला अधिकृत मान्य देश बनने के बाद अमेरिका ने अंतर राष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओँ का विकास किया है।

भारत और वेस्टइंडीज के बीच सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क स्टेडियम में होने वाले पहले टी20 से पहले धोनी ने ग्राउंड की सुविधाओं को वर्ल्ड लेवल का माना था। हालांकि धोनी को मैदान का साइज जरूर छोटा लगा था।

प्रवासी भारतीय -

बेसबॉल-बास्केटबॉल और एथलेटिक्स में दिलचस्पी रखने वाले अमेरिका में क्रिकेट खेल की बढ़ती मांग का एक कारण यहां रहने वाले प्रवासी भारतीय भी हैं। वेस्टइंडीज के विरुद्ध भारत के मैच में भारतीय मूल के दर्शकों की उपस्थिति इस बात की गवाह भी रही।

भारतीय उपमहाद्वीप के प्रवासी लोगों को भारतीय क्रिकेट सितारों को देखना तब एक दिलचस्प अनुभव रहा।

कुंबले ने जताई थी हैरानी -

अमेरिका में हुए टी-20 मैच के दौरान साल 2016 में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे अनिल कुंबले गैर परंपरागत क्रिकेट प्लेइंग कंट्री अमेरिका के क्रिकेट मैदान की सुविधाओं को देखकर हैरान हो गए थे।

फ़्लोरिडा के फ़ोर्ट लाउडरडेल के सेंट्रल ब्रॉवार्ड रीजनल पार्क में भारत-वेस्टइंडीज़ के बीच खेले गए दो T20 मुकाबलों के दौरान भारतीय कोच अनिल कुंबले अमेरिका में क्रिकेट मैदान की सुविधाओं से बेहद प्रभावित नजर आए।

कुंबले ने सोचा नहीं था!

तब दौरे पर गये कोच अनिल कुंबले ने अमेरिका में क्रिकेट सुविधाओं के बारे में तारीफों के पुल बांध दिये थे।

"अमेरिका में क्रिकेट खेलने इतनी बढ़िया सुविधाएं होंगी, इस बारे में मैंने सोचा भी नहीं था। सुविधाएं सचमुच बहुत शानदार हैं। विकेट बहुत अच्छा है और प्रैक्टिस के लिए इंतजाम भी पर्याप्त हैं।”
अनिल कुंबले, पूर्व कोच, भारतीय क्रिकेट टीम

वनडे क्रिकेट के दर्जे की हसरत -

अमेरिका की चाहत स्तरीय एक दिवसीय क्रिकेट टीम का दर्जा हासिल करने की है। अपनी इस हसरत को पूरा करने के लिए अमेरिका अंतर राष्ट्रीय स्तर के सक्रिय क्रिकेटरों को टीम में शामिल करने एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।

इस मनोकामना की पूर्ति के लिए अमेरिका देशी-विदेशी क्रिकेटर्स पर मोटी रकम तक खर्च करने तैयार है।

मिल रहा मौका –

पुरुष एवं महिलाओँ की मजबूत क्रिकेट टीम बनाने के लिए USACA क्रिकेट खेलने वाले प्रमुख देशों के सक्रिय क्रिकेट खिलाड़ियों से संपर्क साध रहा है।

सिंधुजा रेड्डी -

कभी भारत में क्रिकेट खेलना छोड़ देने वाली तेलंगाना की क्रिकेट खिलाड़ी सिंधुजा रेड्डी को अमेरिका ने अपनी टीम में स्थान दिया।

आपको बता दें कि; तेलंगाना में नालगोंडा के अमंगल गांव की विकेट-कीपर बल्लेबाज सिंधुजा रेड्डी न केवल हैदराबाद के लिए खेल चुकी हैं बल्कि उन्होंने हैदराबाद की अंडर-19 टीम का बतौर कप्तान प्रतिनिधित्व भी किया है।

उनको भारत की राष्ट्रीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन प्रतिभा के बूते अमेरिका की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बना ली। गौरतलब है कि शादी के बाद वो अपने पति के साथ अमेरिका में जा बसीं थीं। क्रिकेट लगभग छोड़ चुकीं रेड्डी को थोड़े प्रयास के बाद ही अमेरिकी टीम में जगह मिल गई।

खरीद-फरोख्त -

बेसबॉल और रग्बी के शौकीन अमेरिका में पेशेवर क्रिकेट खेलने वाले अनुभवी क्रिकेटरों का टोटा है।

आईसीसी से क्रिकेट प्लेइंग कंट्री का दर्जा मिलने के बाद अमेरिका ने क्रिकेट की बेहतरी की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसमें कई क्रिकेट लीग का आयोजन एक सार्थक प्रयास माना जा सकता है।

देश में दमदार क्रिकेटरों की टीम तैयार करने के लिए अमेरिका ने क्रिकेट खेलने वाले प्रमुख देशों (भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यू जीलैंड, श्री लंका और पाकिस्तान) के क्रिकेट खिलाड़ियों को अमेरिका की ओर से खेलने का प्रस्ताव दिया है।

क्रिकेट में आर्थिक बदहाली का शिकार देशों के कुछ क्रिकेटर्स को उनके देश की करेंसी की तुलना में अमेरिकी डॉलर में मिलने वाले पैकेज का ऑफर ज्यादा दुरुस्त लगा है। श्री लंका के दर्जन भर से अधिक क्रिकेटर्स ने श्री लंका के बजाय अमेरिका की टीम से खेलना बेहतर समझा है।

15 खिलाड़ियों का हवाला -

श्रीलंकाई अखबार में श्रीलंका के बजाए अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलने की इच्छा रखने वाले क्रिकेटर्स से जुड़ी खबर हाल ही में चर्चा में रही।

"बहुत सारे खिलाड़ी जल्द ही अमेरिका जाएंगे। इनमें उभरते और राष्ट्रीय स्तर की दो श्रेणियों के खिलाड़ी शामिल होंगे। राष्ट्रीय खिलाड़ी शेहान जयसूर्या पहले ही जा चुके हैं। मार्च तक 15 और खिलाड़ी उनका अनुसरण कर विदेश जा सकते हैं।"
“द मॉर्निंग”, श्रीलंकाई अखबार, (सूत्रों के हवाले से जारी खबर)

अमेरिका की ओर से खेलने अपना देश छोड़ने की मंशा रखने वाले खिलाड़ियों के बारे में जानने शीर्षक पर क्लिक/स्पर्श करें। पूर्व शतकवीर कप्तान समेत 15 क्रिकेटर्स इसलिए छोड़ देंगे देश!

न्यू जीलैंड नहीं अमेरिका से खेलेंगे –

इसी तरह न्यू जीलैंड के धाकड़ ऑल राउंडर कोरी एंडरसन भी अपने करियर के चरम पर अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलने की मंशा जताकर न्यू जीलैंड के लिए खेलना छोड़ चुके हैं।

आपको पता हो, एंडरसन ने वनडे क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज शतक जमाया था। जब उन्होंने अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलने की बात कही थी तब संभावना जताई जा रही थी कि वो अमेरिका में मेजर लीग टी-20 क्रिकेट से यूएसए के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत करेंगे।

हालांकि एंडरसन के अमेरिका के लिए खेलने का एक और कारण उनकी अमेरिकी मूल की मंगेतर मैरी शामबर्गर भी हैं। एंडरसन ने कोविड-19 महामारी के बीच अधिकतर समय अमेरिका में ही व्यतीत किया।

पाकिस्तान के टेस्ट क्रिकेटर समी असलम और इंग्लैंड के कप्तान लियाम प्लंकट के भी अमेरिका के लिए खेलने की खबरें सुर्खियां बनीं। दक्षिण अफ्रीका के रस्टी थेरोन और डेन पिएट ने भी अमेरिका से खेलने की मंशा जताई थी।

इनका नाम खास –

समी असलम (पाकिस्तान), जुआन थेरॉन (दक्षिण अफ्रीका), शेहान जयसूर्या (श्री लंका), कोरी एंडरसन (न्यू जीलैंड), ज़ेवियर मार्शल (वेस्टइंडीज) अपने देश के बजाय अमेरिका की ओर से खेलने के लिए सहमति व्यक्त कर चुके हैं।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल स्पोर्ट्स पर प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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