मुम्बई। लगभग डेढ़ साल हो गए हैं, लेकिन 2020-21 की ऑस्ट्रेलिया दौरे की याद मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के जेहन में अभी भी ताजा है। इस दौरे के सिडनी टेस्ट के दौरान मैदान पर आए दर्शकों ने इन दो खिलाड़ियों पर नस्लीय टिप्पणी की थी।
इस घटना को याद करते हुए उस मैच के भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा, हमने मांग की है, कि जब तक नस्लीय टिप्पणी करने वाले दर्शक को मैदान से बाहर नहीं किया जाएगा, हम नहीं खेलेंगे। तब दोनों अंपायरों पॉल राइफल और पॉल विल्सन ने हमसे कहा कि अगर आपकी टीम बाहर जाना चाहती है तो जा सकती है, खेल को ऐसे रोका नहीं जा सकता। तब हमने कहा कि हम यहां खेलने आए हैं,'' ड्रेसिंग रूम में बैठने नहीं, बस गाली देने वाले को मैदान से बाहर किया जाए।
उस मैच का हिस्सा रहे आर अश्विन ने कहा कि सिराज की हिम्मत की दाद देनी होगी कि उन्होंने ये बातें लोगों के सामने लाई कि बाउंड्री के उस पार क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, नस्लभेद किसी विशेष देश के दर्शकों से संबंधित नहीं है। हर जगह कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो यह सोचते हैं कि वे दूसरों से श्रेष्ठ और अलग हैं। इसकी निश्चित रूप से निंदा और बहिष्कार होना चाहिए। सिराज हिम्मती था, उसने ये बातें सबके सामने लाई। इसका एकमात्र उपाय यह है कि लोगों को बचपन से ही नस्लीय समानता की शिक्षा दी जाए और उन्हें नस्लभेद को लेकर जागरूक किया जाए।
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