राज एक्सप्रेस। भारत की जानी-मानी पहलवान बबीता फोगाट (Babita Phogat) द्वारा तबलीगी जमात को लेकर ट्वीट किया गया था। जिस पर काफी विवाद गहरा गया था। बबीता फोगाट ने तबलीगी जमात को लेकर ट्वीट किया था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलाने में तबलीगी जमात का भी हाथ है। उनके ट्वीट पर बॉलीवुड की अदाकारा स्वरा भास्कर ने उन पर सवाल दागा, लेकिन उन्होंने स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) को करारा जवाब देकर बोलती बंद कर दी।
स्वरा भास्कर ने ट्वीट कर किया था सवाल
स्वरा भास्कर ने अपने ट्वीट में बबीता से सवाल किए, लेकिन साथ ही उन्हें बबीता फोगाट का फैन भी कहा, स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए डाटा शेयर किया था, जिसमें बताया गया है कि 9 से 19 मार्च के बीच भारत में कहां-कहां धार्मिक स्थलों पर भीड़ उत्पन्न हुई थी, उन्होंने इस डाटा को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा 'बबीता जी यह स्टैटिस्टिक्स भी देखें, क्या इन लाखों भक्त गणों के कोरोना टेस्ट हुए हैं, कृपया इस पर भी टिप्पणी दें और तबलीगी जमात के प्रोग्राम को दिल्ली पुलिस ने परमिशन क्यों दी? यह सवाल भी स्वरा भास्कर ने बबीता फोगाट से किया।
बबीता फोगाट ने करारा जवाब देते हुए स्वरा भास्कर को चुप किया
बबीता फोगाट ने स्वरा भास्कर के इस ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, मेरी फैन, मेरी बहन, स्वरा भास्कर, बहन 135 करोड़ के हमारे राष्ट्र में महामारी से बचाव के लिए रेस्क्यू प्रयास और टेस्ट सरकार की तरफ से जारी हैं। दिल्ली से तो लाखों मजदूर भी बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे, पर कोरोना संक्रमण को फैलाने में सबसे आगे जाहिल जमाती ही क्यों?
यह था पूरा मामला
भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भारत की स्टार पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने 15 मार्च को ट्वीट कर जमात के लोगों पर जमकर हमला बोला था, इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि महामारी को फैलाने में जाहिल जमाती लोगों का सबसे बड़ा हाथ है।
जिसके बाद कल बबीता को लेकर उनके ट्विटर अकाउंट को बैन करने की बात भी सामने आने लगी थी, लेकिन काफी लोग उनके सपोर्ट में आए और उन्होंने खुद एक वीडियो जारी कर कहा कि वह धमकियों से डरने वाली नहीं हैं।
आपको बता दें कि स्वरा भास्कर द्वारा जो ट्वीट किया गया है, उसमें डाटा की जानकारी जनता कर्फ्यू के पहले की है यानी यह डाटा 22 मार्च के पहले का है।
जबकि तबलीगी जमात के लोग 22 मार्च के बाद भी दिल्ली के मरकज में 2500 की संख्या में मौजूद पाए गए थे। 29 मार्च को पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम ने उन्हें वहां से हटाया था। इस पूरे मामले के बाद देश के कई हिस्सों में ऐसे मामले सामने आने लगे, जिनमें जमात के समर्थकों ने पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बुरा बर्ताव किया था।
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