राज एक्सप्रेस। ऋषभ पंत के स्वास्थ्य को लेकर आई नई जानकारी के मुताबिक ऋषभ का स्वास्थ्य अभी स्थिर बताया जा रहा है। ऋषभ अभी होश में हैं और मां एवं दोस्त ऋषभ के साथ में है। ऋषभ को कोई भी अंदरूनी दिमागी चोट नहीं आई है और न ही रीढ़ की हड्डी में कोई चोट लगी है। पीएम मोदी ने भी ऋषभ के घर पर बात की है और ऋषभ का हाल जाना है। सारी रिपोर्ट्स को नॉर्मल बताया जा रहा है।
कल सुबह ऋषभ का दिल्ली से रुड़की अपने घर जाते समय राष्ट्रीय राजमार्ग 58 में कार चलाते समय कंट्रोल को देने की वजह से एक्सीडेंट हो गया था, जिससे उनकी कार में आग लग गई थी। ऋषभ को बस चालक और उसके कंडक्टर ने बचाया था।
फिलहाल ऋषभ पंत की निगरानी मैक्स अस्पताल देहरादून में की जा रही है, उनके साथ उनकी मां और दोस्त भी हैं। विकेटकीपर-बल्लेबाज 48 घंटे की निगरानी अवधि के अधीन था और ऑर्थो और न्यूरो विभागों द्वारा नियमित निगरानी में था। फिलहाल उनका इलाज आईसीयू में चल रहा है, जो अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित है।
टखने और घुटने में है सूजन
दर्द और सूजन की वजह से उनके टखने और घुटनों का एमआरआई स्कैन आज किया जाएगा। देहरादून के मैक्स अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने संभावित दाहिने घुटने के लिगामेंट की चोट के साथ-साथ एक संदिग्ध दाहिने टखने के लिगामेंट की चोट के लिए "घुटने के ऊपर स्प्लिंटेज(विच्छेदन)" भी निर्धारित किया है। विभिन्न कारणों से सभी उम्र के रोगियों में घुटने के ऊपर का विच्छेदन किया जाता है। विच्छेदन फीमर के माध्यम से किया जाता है और रोगियों को एंबुलेशन के लिए कृत्रिम अंग का उपयोग करने की अनुमति देता है।शुक्रवार रात अस्पताल द्वारा जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, पंत स्थिर, संज्ञानात्मक और उन्मुख हैं।
डीडीसीए (DDCA) भी भेजेगा अपनी मेडिकल टीम
डीडीसीए के निदेशक श्याम शर्मा ने कहा है की दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ पंत की भलाई की सुरक्षा के लिए कुछ कठोर कदम उठा सकता है।"दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए मैक्स अस्पताल देहरादून जा रही है, यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें दिल्ली में स्थानांतरित कर देंगे और संभावना अधिक है कि हम उन्हें प्लास्टिक सर्जरी के लिए दिल्ली ले जाएँगे।" डीडीसीए अब जरूरत पड़ने पर ऋषभ पंत को एयरलिफ्ट करने की धारणा की जांच कर रहा है। पंत को और स्कैन के लिए दिल्ली भेजा जाना था।
ऋषभ की जान बचाने वाले बस ड्राइवर और कंडक्टर को दिया जाएगा इनाम
पंत की कार का एक्सीडेंट हो गया था, तब वहां सबसे पहले बस ड्राइवर सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत पहुंचे थे,उन्होंने ही पंत को बचाया और एम्बुलेंस बुलाकर ऋषभ को अस्पताल भिजवाया था। सुशील कुमार और परमजीत को पानीपत डिपो ने सम्मानित किया और उत्तराखंड सरकार ने भी दोनो को सम्मानित करने का फैसला लिया है l सुशील कुमार और कंडक्टर परमजीत ने घटना के बारे में बात करते कहा कि अगर 5–7 सेकंड की भी देरी हो जाती तो ऋषभ को कार से निकालने पर कुछ भी हो सकता था। दोनो ने बताया की जैसे ही दोनो ने ऋषभ को पलटी हुई कार से निकाला तो 5–7 सेकंड्स के बाद ही कार में आग लग गई थी।
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