सचिन मेरे आदर्श,लारा और संगकारा भी पसंद : रचिन रवींद्र Social Media
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सचिन मेरे आदर्श,लारा और संगकारा भी पसंद : रचिन रवींद्र

इंग्लैंड के खिलाफ मैच जिताऊ शतकीय पारी खेलने वाले न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने कहा कि वह सचिन को अपना आदर्श मानते हैं जिनकी बल्लेबाजी और तकनीक की पूरी दुनिया कायल है।

News Agency

हाइलाइट्स :

  • विश्व कप 2023।

  • न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र मानते हैं सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श।

  • रचिन रवींद्र ने कहा देश के लिए एक गेम जीतने में सक्षम होना हमेशा विशेष होता है।

अहमदाबाद। इंग्लैंड के खिलाफ मैच जिताऊ शतकीय पारी खेलने वाले न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने कहा कि वह सचिन को अपना आदर्श मानते हैं जिनकी बल्लेबाजी और तकनीक की पूरी दुनिया कायल है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर गुरुवार को रवींद्र के नाबाद 123 रन और डेविड कॉनवे (152 नाबाद) के बीच 273 रनों की साझीदारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने विश्व कप के उदघाटन मैच गत विजेता इंग्लैंड को 82 गेंदे शेष रहते हुये नौ विकेट से धो दिया था। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रचिन ने कहा “ जाहिर है, मैं सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानता हूं। मुझे लगता है कि बहुत से लोग उन्हे अपना आदर्श मानते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने अपने करियर में जिस तरह से बल्लेबाजी की, वह लाजवाब है और उनकी तकनीक भी देखने लायक थी।''

बाएं हाथ के बल्लेबाजों की शैली की नकल करने की बात करते हुए रवींद्र ने ब्रायन लारा और कुमार संगकारा का नाम लिया। उन्होंने कहा, “ मुझे लगता है कि लेफ्टी होने के नाते ऐसे लोग हैं जिन्हें आप देखना पंसद करते हैं, मुझे लारा पसंद है, मुझे संगकारा पसंद है लेकिन तेंदुलकर निश्चित रूप से आदर्श थे।” एक दिवसीय मैच में पहला शतक लगाने वाले रवींद्र ने ये टिप्पणी तब की जब उनसे तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ को आदर्श मानने के बारे में पूछा गया। दरअसल, उनके माता-पिता ने उनका नाम तेंदुलकर और द्रविड़ के नाम पर रखा था। उन्होने कहा “ हां, मुझे लगता है कि वे दोनों बहुत खास क्रिकेटर हैं। जाहिर है, मैंने बहुत सारी कहानियां सुनी हैं और बहुत सारे फुटेज देखे हैं। मुझे लगता है कि मेरे माता-पिता पर भारतीय क्रिकेटरों का काफी प्रभाव था। ”

यह पूछे जाने पर कि भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने पर उन्हें कितना गर्व है, जहां उनकी जड़ें हैं, रवींद्र ने कहा “ जब भी वह बेंगलुरु में होते हैं, जहां उनके दादा-दादी रहते हैं तो उन्हें पारिवारिक जुड़ाव का अहसास होता है। मैं अपने दादा-दादी और अन्य चीजों को देख पाता हूं, हां, यह बहुत अच्छा है।” उन्होने कहा “मुझे लगता है कि शतक हमेशा विशेष होता है, लेकिन भारत में प्रदर्शन करने में सक्षम होने के मामले में यह बहुत अच्छा है। भारतीय जड़ों का होना अच्छा है। मेरे माता-पिता को वहां देखकर अच्छा लगा। जाहिर तौर पर भारत आना हमेशा अच्छा लगता है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके और कॉनवे के लिए अपने गोद लिए हुए देश के लिए मैच जीतना अतिरिक्त संतुष्टि की बात है, रवींद्र ने कहा कि हालांकि उनका परिवार भारत से है, लेकिन वह खुद को कीवी के रूप में देखते हैं, और न्यूजीलैंड के लिए एक गेम जीतने में सक्षम होना हमेशा विशेष होता है। उन्होने कहा “ ठीक है, मुझे लगता है कि अब हम दोनों एक तरह से कीवी हैं। मैं न्यूजीलैंड में पैदा हुआ था और मेरा परिवार भारत से है लेकिन मैं खुद को पूरी तरह से कीवी के रूप में देखता हूं और जाहिर तौर पर मुझे अपनी जड़ों और अपनी जातीयता पर बहुत गर्व है। मुझे लगता है कि डेवोन को भी यही अनुभव होगा। उन्होंने पिछले पांच, छह वर्षों से न्यूजीलैंड को अपने घर के रूप में अपनाया है और मैं कहूंगा कि वह पूरी तरह से कीवी हैं। मेरा मतलब है कि अपने देश के लिए एक गेम जीतने में सक्षम होना हमेशा विशेष होता है।”

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