नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक 2020 की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन और मौजूदा विश्व चैंपियन निखत जरीन स्वदेश में होने वाली आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय टीम की अगुवाई करेंगी। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। यह चैंपियनशिप 15 से 26 मार्च तक राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी खेल परिसर में आयोजित होगी। लवलीना 75 किग्रा वर्ग के नाम अब तक दो विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक हैं और वह आगामी चैंपियनशिप में सात अन्य ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाजों के साथ स्वर्ण के लिये अपनी दावेदारी पेश करेंगी।
दूसरी ओर, निकहत जरीन 50 किग्रा वर्ग में अपने खिताब का बचाव करेंगी। वह पिछले साल तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में आयोजित चैंपियनशिप में विश्व चैंपियन बनी थीं। बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू घंघास 48 किग्रा वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। दो बार की यूथ विश्व चैंपियन वरिष्ठ स्तर पर स्वर्ण जीतने की मजबूत दावेदार होंगी। बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में भारत मुक्केबाजी की एक महाशक्ति बन गया है और हम आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिये इस प्रतिभाशाली दल के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं। यह चैंपियन खिलाड़ियों का दल है और मुझे यकीन है कि वे फिर से देश का गौरव बढ़ाएंगे।”
दिल्ली में 2018 विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ वैश्विक मंच पर दस्तक देने वाली मनीषा मौन अत्यधिक प्रतिस्पर्धी 57 किग्रा फेदरवेट वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। मनीषा ने 2022 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैसमीन लंबोरिया 2022 संस्करण में क्वार्टर फाइनलिस्ट रही थीं और 60 किग्रा वर्ग में अपनी दावेदारी पेश करेंगी। युवा मुक्केबाज प्रीति और सनामाचा चानू क्रमश: 54 किग्रा और 70 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। प्रीति ने 2022 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था, जबकि सनमचा 2021 यूथ विश्व चैंपियन हैं और हाल ही में अपनी श्रेणी में राष्ट्रीय चैंपियन बनी हैं।
मौजूदा एशियाई और राष्ट्रीय चैंपियन स्वीटी बूरा 81 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। दक्षिण कोरिया में 2014 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली अनुभवी मुक्केबाज अपनी प्रभावशाली फॉर्म को जारी रखते हुए अपनी पदक तालिका में एक और स्वर्ण जोड़ने के लिये उत्सुक होंगी। यूथ विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी (52 किग्रा) और शशि चोपड़ा (63 किग्रा) 2019 दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मंजू बंबोरिया (66 किग्रा) के साथ विश्व चैंपियनशिप में अपनी-अपनी श्रेणियों में अपनी क्षमता साबित करने के लिये उत्सुक होंगी। हैवीवेट (81 किग्रा+) वर्ग में भारत की पदक उम्मीदें मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन नूपुर श्योराण पर टिकी होंगी।
इस आयोजन में पुरस्कार के लिये कुल 20 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं। स्वर्ण पदक विजेताओं को 10 करोड़ रुपये के पूल से पुरस्कार दिये जायेंगे, जबकि रजत और कांस्य पदक हासिल करने वाले मुक्केबाजों को पांच-पांच करोड़ रुपये के पूल से पुरस्कृत किया जायेगा। बीएफआई तीसरी बार महिला चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है और इस द्विवार्षिक आयोजन के लिये अब तक 74 देशों से 350 से ज्यादा मुक्केबाज पंजीकरण करवा चुके हैं। नीतू घंघास (48 किग्रा), निखत ज़रीन (50 किग्रा), साक्षी चौधरी (52 किग्रा), प्रीति (54 किग्रा), मनीषा मौन (57 किग्रा), जैसमीन लंबोरिया (60 किग्रा), शशि चोपड़ा (63 किग्रा), मंजू बंबोरिया (66 किग्रा), सनमचा चानू ( 70 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), स्वीटी बूरा (81 किग्रा) और नूपुर श्योराण (81+ किग्रा) हैं।
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